शादी हर व्यक्ति के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना होती है। वैवाहिक जीवन अच्छा होने पर ही व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति बढ़ सकती है। कई बार वास्तु दोष होने पर भी विवाह में कलह होने की संभावना रहती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शयनकक्ष का वास्तुशिल्प सही होना चाहिए। नहीं तो एक समस्या खड़ी हो जाएगी.
कुछ चीजें हमारे शयनकक्ष में नहीं रखनी चाहिए। अगर ये चीजें वहां हैं, तो आपकी शादी में कोई शांति नहीं रहेगी। इससे शयनकक्ष में कुछ वस्तुओं के कारण वास्तु दोष उत्पन्न होता है। आइए जानते हैं आखिर बेडरूम में कौन सी चीजें नहीं होनी चाहिए।
शयनकक्ष में न लगाएं भगवान की तस्वीर!
अपने शयनकक्ष में कभी भी भगवान की तस्वीरें न लगाएं। शयनकक्ष पति-पत्नी के रिश्ते को दर्शाता है। यानी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका संबंध शुक्र ग्रह से है। अतः शुक्र की उपस्थिति में देवताओं यानि बृहस्पति की उपस्थिति अशुभ मानी जाती है। बृहस्पति को शुक्र के विपरीत देवताओं का स्वामी माना जाता है। इसलिए दोनों को एक साथ नहीं रखा जा सकता.
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट न रखें!
ज्योतिष में राहु और शनि को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्रभावित करने वाला माना जाता है। इन्हें शयनकक्ष में रखने से इन अशुभ ग्रहों के कारण आपके वैवाहिक जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा। इसलिए अपने कमरे में कम से कम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स रखें। सुनिश्चित करें कि इन गैजेट्स के कारण आपके प्रेम संबंधों में कोई बाधा न आए।
ताज महल की तस्वीर न लगाएं!
कुछ लोगों का मानना है कि शयनकक्ष में प्यार की निशानी के तौर पर कोई शोपीस या ताज महल की तस्वीर रखने से आपसी प्रेम संबंधों में मधुरता बढ़ेगी। लेकिन ये आपकी गलतफहमी है. असल में ताज महल एक मकबरा है। और अपने शयनकक्ष में कब्र की तस्वीर लगाना भी ठीक नहीं है। इसलिए माता-पिता भी शयनकक्ष में ताज महल की तस्वीर न लगाएं।
कमरे के रंगों का चयन!
शयनकक्ष की दीवारों के लिए फीके या तीखे रंगों का चयन न करें। हल्का हरा, हल्का नीला या बैंगनी रंग सर्वोत्तम विकल्प हैं। शुद्ध सफेद रंग आसपास के वातावरण में आध्यात्मिक सद्भाव पैदा करने के लिए उत्कृष्ट है।
जानवरों का चित्र बनाते समय सावधान रहें!
शयनकक्ष की दीवारों पर कभी भी लड़ते हुए जानवरों, शिकार करने वाले शेर, बिना फूल और फल वाले पेड़ों और कबूतर, सांप, कौवे, उल्लू और गिद्ध जैसे मृत जानवरों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए।
दर्पण किस दिशा में होना चाहिए?
हर किसी के शयनकक्ष में एक दर्पण होता है। लेकिन वास्तु के अनुसार शयनकक्ष में दर्पण रखना अच्छा नहीं होता है। यदि शयनकक्ष में दर्पण रखना आवश्यक हो तो दर्पण की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि बिस्तर पर लेटते समय उस पर आपकी छवि न पड़े।
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