नई दिल्ली॥ राजधानी दिल्ली में विधानसभा इलेक्शन में मतदान को अब सिर्फ तीन दिन का समय रह गया है। 8 फरवरी को राजधानी में अगली सरकार किसकी होगी इसका फैसला EVM में कैद हो जाएगा। आप पार्टी जहां निरंतर तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए अपने विकास की पगडंडी को पकड़ कर चली है वहीं भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर इस चुनाव में राम नाम का सहारा ले लिया है।
मोदी कैबिनेट से बुधवार को राम मंदिर ट्रस्ट को मंजूरी दे दी है। संसद में पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन का प्रस्ताव रखा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 87 दिन बाद इसकी रूपरेखा तैयार हो चुकी है। हालांकि 90 दिन का समय मिला था लेकिन भारतीय जनता पार्टी को इसे तय करने में पूरे 87 दिन ही लगे। शायद दिल्ली चुनाव के करीब आने का इंतजार था।
यानी भारतीय जनता पार्टी को अब तक के हर चुनाव की तरह ही इस चुनाव में भी राम नाम की आवश्यकता पड़ी। आईए जानते हैं बीजेपी किस तरह हर चुनाव में ‘राम’ नाम का जाप करके नैया पार की है। भारतीय जनता पार्टी के एक दिवंगत नेता ने कहा था की यह ऐसा चेक नहीं है जिसे दो बार भजाया जा सके। यह भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के अयोध्या के मुद्दे पर उदासीनता को दिखाता है।