सेना में जाकर देश की सेवा करने वाले युवाओं को सेना से ही रिटायर हुए आला अधिकारी ट्रेनिंग देंगे। वह न केवल उन्हें एनडीए (NDA) सीडीएस (CDS) जैसी परीक्षाओं के लिए तैयार करेंगे, बल्कि इंटरव्यू के साथ पूरी ग्रूमिंग व पर्सनैलिटी डेवलपमेंट भी करेंगे। इतना ही नहीं उन्हें लिखित परीक्षा के साथ-साथ फिजिकल के लिए भी प्रशिक्षित करेंगे। इसके लिए चिनहट व शहीद पथ पर ट्रेनिंग की सुविधाएं विकसित की गई हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल रामेंद्र सिंह सेना से रिटायर हैं और आईआईएम पासआउट हैं। उन्होंने बताया कि सेना मेंं जाने की इच्छा रखने वाले बच्चों को रास्तों की जानकारी ही नहीं होती। सही गाइडेंस नहीं होने की वजह से हुनरमंद सिलेक्शन नहीं हो पाता। उन्होंने बताया कि एनडीए (NDA) में जहां बारहवीं के बाद जा सकते हैं, वहीं ग्रेजुएशन के बाद सेना में जाने के लिए सीडीएस (CDS), ओटीए, एसीसी, एनसीसी, जैग सहित तमाम रास्ते हैं।
(NDA) लिखित परीक्षा पास करने के बाद एसएसबी प्रमुख होता है। पर, बच्चों की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, ग्रूमिंग वगैरह नहीं होने की वजह से वह सफल नहीं हो पाते। लेफ्टिनेंट कर्नल रामेंद्र सिंह ने बताया कि ऐसे में उन्हें लिखित परीक्षा के लिए तैयार करने के साथ फिजिकल की ट्रेनिंग भी आवश्यकता होती है, ताकि वह मानसिक रूप से तैयार रहें। इसके लिए चिनहट व शहीद पथ पर ऑब्सटेकल बनाए गए हैं, जहां प्लैंक, जम्प, टाइगर जम्प, कमांडो वॉक आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। उनके साथ एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी भी लगे हैं। (CDS)
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