लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने बुधवार को बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए धर्मांतरण का देशव्यापी सिंडिकेट चलाने के मुख्य आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी को मुजफ्फरनगर से अरेस्ट कर लिया है। एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक मौलाना को हवाला के माध्यम से विदेशों से फंडिंग की जाती थी। वह लोगों को प्रभावित कर शरीयत व्यवस्था लागू करने और जनसंख्या अनुपात बदलने के लिए बड़े स्तर पर धर्मांतरण करवा रहा था।
एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक मौलाना की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए उस पर काफी समय से नजर रखी जा रही थी और अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल मौलाना कलीम से पूछताछ की जा रही है। यूपी एटीएस के अनुसार, मुजफ्फरनगर निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी दिल्ली में रहता है और विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में धर्मांतरण के कार्य को अंजाम देता है। इसके लिए उसे विदेशों से फंडिंग की जाती है। वह गैर मुस्लिमों को गुमराह और डराकर कर उनका धर्मांतरण करवाता था।
एटीएस के मुताबिक मौलाना कलीम जामिया इमाम वलीउल्ला नामक एक ट्रस्ट चलता है। इसके साथ है वह कई मदरसों की फंडिंग भी करता है जिसके लिए उसे विदेशों से भारी धनराशि हवाला के जरिए मिलती है। इस पूरे मामले को लेकर एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि अब तक की जांच में मौलाना के ट्रस्ट जमिया ईमाम वलीउल्लाह को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये समेत कुल तीन करोड़ रुपये की फंडिंग के सबूत मिले हैं। अब इस मामले की जांच एटीएस की छह टीमें कर रही हैं। मौलाना कलीम लोगों में प्रचार कर रहा था कि शरीयत के अनुसार बनी व्यवस्था ही सबको न्याय दिला सकती है।