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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड में मानसून लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है। मौसम विभाग ने देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे जिलों के लिए अगले 24 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने लोगों और यात्रियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
गंगा का उफान और दहशत का माहौल
हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। तीर्थनगरी में जलस्तर बढ़ने के चलते लोगों के मन में भय का वातावरण है। रविवार शाम हुई तेज बरसात ने हरिद्वार और आसपास के निचले इलाकों को जलभराव से जूझने पर मजबूर कर दिया। अचानक भरे पानी के कारण स्थानीय लोगों और यात्रियों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर गंगा सुबह आठ बजे तक 339.59 मीटर पर बहती दर्ज की गई, जो चेतावनी स्तर के बेहद नजदीक है।
मलबा और कीचड़ ने बिगाड़े हालात
हरिद्वार के भूपतवाला और द्वारिका विहार इलाके में सीवर लाइन बिछाने के लिए की गई खुदाई ने बरसात के बीच लोगों की परेशानियां और बढ़ा दीं। कीचड़ और फिसलन ने आमजन को घरों में कैद कर दिया। वहीं, मनसा देवी पहाड़ी से बहकर आए मलबे ने मोती बाजार, बड़ा बाजार, पुरानी सब्जी मंडी और बिल्केश्वर रोड के व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
आपदा की वैज्ञानिक पड़ताल
मौसम विभाग ने हाल ही में धराली और हर्षिल घाटी में आई आपदा को लेकर खुलासा किया है। विभाग का कहना है कि यह घटना बादल फटने से नहीं, बल्कि श्रीकंठ पर्वत पर जमा ग्लेशियर मलबे के खिसकने से हुई थी। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि लगातार तेज बारिश की स्थिति में ऐसे हादसों की संभावना और बढ़ सकती है।
आगे का पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 19 से 21 अगस्त के बीच राज्य के कई हिस्सों में भारी से अतिभारी वर्षा हो सकती है। आने वाले सात दिनों तक विशेषकर पहाड़ी जिलों में भूस्खलन, मलबा बहाव और नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा देखने को मिल सकता है।
यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए चेतावनी
विभाग ने साफ कहा है कि लगातार हो रही बारिश से पहाड़ों में भूस्खलन और सड़क अवरोध की घटनाएं बढ़ सकती हैं। चारधाम यात्रा मार्ग और अन्य पर्वतीय रास्तों पर यात्रा करने वालों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
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