लखनऊ। सखावत हुसैन फाउंडेशन के तत्वाधान में रविवार को विनायकपुरम सेक्टर 22 स्लम एरिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उनकी समानता और अधिकारों की सुरक्षा को प्रोत्साहित करना है। इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करती हुई महिला कार्यकत्रियों ने कहा कहा कि महिला-पुरूष गैरबराबरी को देखते हुए प्रदेश और देश का बजट जेण्डर आधारित होना चाहिए।
इस अवसर पर सुश्री नाईश हसन ने अपने सम्बोधन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरूआत 1910 में हुई थी, जब महिलाओं के अधिकारों और समानता की मांग करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन में एक तारीख का चयन किया गया था। सबसे पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में मनाया गया था और तब से इसे हर साल 8 मार्च को मनाया जा रहा है। यह दिन महिलाओं की प्रगति, उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में सुधार के लिए समर्थन और संवेदनशीलता का पर्व है।
आज पूरी दुनिया में महिलाएं सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रही हैं। महिलाएं भी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। इसके बावजूद दुनिया भर में महिलाएं अब भी अनेक समस्याओं का सामना कर रही हैं, जैसे जेंडर इनेक्वैलिटी, सामाजिक रूप से बन्धन, शिक्षा में असमानता, हिंसा और शोषण आदि। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सबको मिल कर काम करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता अजय शर्मा ने कहा कि एक बेहतर समाज बनाने के लिए जरूरी है कि शिक्षा में असमानता दूर हो, महिलाओं को रोजगार के बराबरी के मौके मिलें और हर तरह से उन्हें पुरूषों के बराबर अधिकार मिले। बाल विवाह व दहेज विरोधी कानूनों को सख्ती से लागू किया जाये तथा विवाह पंजीकरण को अनिवार्य बनाया जाये।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एफएम आरजे अनामिका ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक ऐसा मौका है जब हमें महिलाओं के समर्थन में एकजुट होकर सोचने और काम करने का तथा जेंडर इनेक्वैलिटी के खिलाफ लड़ने का संकल्प लेना चाहिए। महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा के मामलों को रोकने के लिए प्रदेश में महिला हिंसा से जुड़े कानूनों को सख्ती से लागू किया जाये। महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आशा ज्योति केंद्र जैसी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाये तथा उसका बुनियादी ढांचा तैयार किया जाये। महिला-पुरूष गैरबराबरी को देखते हुए प्रदेश और देश का बजट, जेण्डर आधारित बजट होना चाहिए।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलायें शामिल हुईं। कार्यक्रम का संचालन सखावत हुसैन फाउंडेशन की सचिव सबाहत आफरीन ने किया।
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