देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने का प्रयास ज़ोरशोर से किया जा रहा है, जिसके चलते कई राज्य अपने वहां छात्रों को पढ़ने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. आपको बता दें कि इसी कड़ी में गुजरात के राजस्व मंत्री कौशिक पटेल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न युनिवर्सिटी के प्रमुख शिक्षाविदों से की मुलाकात कर स्टडी इन गुजरात के बारे में चर्चा की है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अन्य राज्यों और देशों के छात्रों को गुजरात में आमंत्रित करने के उद्देश्य से स्टडी इन गुजरात अभियान की शुरूआत की है।गुजरात के माननीय राजस्व मंत्री श्री कौशिक पटेल जी ने इस रोड शो की मेजबानी की। वहीं मीडिया से बात करते हुए श्री कौशिक पटेल जी ने कहा, “इससे पहले 1990 में गुजरात के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिये अन्य राज्यों में जाना पड़ता था, लेकिन अब हमने ऐसी शिक्षा संस्था संस्थाएं विकसित की हैं जो न केवल हमारे छात्रों को बल्कि अन्य राज्यों के छात्रों को भी समायोजित कर सकती हैं और बेहतर शिक्षा प्रदान करने में सक्षम है।
वहीँ मंत्री ने आगे कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, हमने मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी के मार्गदर्शन में, गुजरात को भारत का एजुकेशन हब के रूप में बढ़ावा देने की पहल की है।” गुजरात में सेक्टोरल युनिवर्सिटीज़ की संख्या सबसे अधिक है जो इस बात का प्रमाण है कि राज्य ने सामान्य और विशिष्ट कॉलेजों को एक साथ विकसित किया है।
आपको बता दें कि गुजरात के विद्यार्थियों ने दर्शनीय एन्टरप्रेन्योरल ड्राइव प्रदर्शित की है, जो स्टुडेंट स्टार्ट-अप एन्ड इनोवेशन पॉलिसी के सहयोग से स्थापित किये गये अनेक स्टार्ट-अप्स में प्रतिबिंबित होता है। नये उभर रहे स्टार्ट-अप्स को स्टुडेन्ट स्टार्ट-अप एन्ड इनोवेशन पोलिसी द्वारा सहयोग दिया जाता है, जिससे राज्य के एन्टरप्रेन्योरल स्पिरिट को प्रोत्साहन मिलता है।
भारत में नये उभर रहे स्टार्ट-अप्स में गुजरात का हिस्सा 46% है। छोटे, मध्यम और बड़ी कंपनियों को बढ़ावा देने के लिये कई नीतियां बनाई गई हैं, जिसके कारण गुजरात की युनिवर्सिटियों से ग्रेज्युएट होने वाले कई विद्यार्थी अब स्टार्ट-अप का मार्ग अपनाते हैं। शिक्षा विभाग ने इस महिने की शुरूआत में कुवैत और दुबई के छात्रों के बीच गुजरात में शिक्षा के अवसर प्रदान करने लिए स्टडी इन गुजरात रोड शो आयोजित किया था।
वहीं लखनऊ में हुए रोडशो का आयोजन C E P T विश्वविद्यालय के सहयोग से किया गया था, जो प्रमुखपार्टनर थे। गुजरात के कुल 13 विश्वविद्यालयों ने इस रोड शो में भाग लिया और उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से बातचीत की।