नई दिल्ली॥ सीएए से बचने के लिए कई अफगानी एवं रोहिंग्या मुस्लिमों ने ईसाई धर्म को अपना लिया है, ताकि उनकी हिंदुस्तानीय नागरिकता पाने का रास्ता आसान हो जाए। ये खबर सामने आते ही हड़कंप मच गया। केंद्रीय एजेंसियों ने सरकार को इस मामले में सूचना दी है।
इसकी सूचना रखने वाले लोगों के अनुसार, एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया है कम से कम 25 अफगानिस्तान के मुस्लिमों ने क्रिस्चियन धर्म अपना लिया है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर रोहिंग्या मुस्लिम 2012 से देश में रह रहे हैं और अब अपने आप को बांग्लादेशी बता रहे हैं व ईसाई धर्म को भी अपना रहे हैं।
बीते साल संसद में पास CAA में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना सहकर हिंदुस्तान आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को सरल बनाया गया है। पहले किसी शख्स को हिंदुस्तान की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम बीते 11 सालों से देश में रहना अनिवार्य था।
इस कानून को सरल बनाकर नागरिकता लेने की मियाद को एक वर्ष से लेकर 6 वर्ष किया गया है यानी इन तीनों देशों के ऊपर उल्लेखित 6 धर्मों के बीते एक से 6 वर्षों में हिंदुस्तान आए लोगों को नागरिकता प्राप्त हो सकेगी। हालांकि, अभी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा CAA 2019 के नियम को नोटिफाई किया जाना बाकी है।