कभी बिहार विधानसभा इलेक्शन के ठीक पहले RSS चीफ ने अपने एक संबोधन में आरक्षण पर खुलकर अपने विचार रखे थे। उसका नतीजा यह हुआ कि BJP को मुंह की खानी पड़ी और देखते ही देखते जीतने का दम भरने वाली BJP विधानसभा इलेक्शन में बुरी तरह हार गई।
अब एक बार फिर यूपी समेत 5 प्रदेशों में विधानसभा इलेक्शन करीब आ रहे हैं और एक बार फिर RSS के सर संघचालक मोहन भागवत ने मुस्लिम और हिंदुत्व पर बयान दिया है जिसने न सिर्फ BJP वरन राज्य की सभी राजनैतिक पार्टियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
दरअसल RSS चीफ ने रविवार को बयान देते हुए कहा था कि यदि कोई हिंदू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वह हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिंदुत्व के खिलाफ हैं। ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए। उनका यही बयान BJP के लिए गले की फांस बन गया है।
संभवतया भागवत चुनावों के पहले हिंदु-मुस्लिम एकता की बात करना चाह रहे होंगे परन्तु यहां यह भी देखना जरूरी है कि देश की मुस्लिम आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी BJP को तिरछी निगाहों से देखता है और उस पर भरोसा नहीं करना चाहता, शायद यही कारण है कि आज भी मुस्लिम बहुल इलाकों में BJP को अधिक वोट नहीं मिल पाते।
RSS चीफ भागवत के इस बयान को लेकर खुद संघ में भी दो धड़े बने हुए हैं, एक धड़ा इस बयान को संघ की पारंपरिक विरासत से जोड़ते हुए देश के हर नागरिक को हिंदुस्तानी मानता है जबकि दूसरा स्पष्ट तौर पर मुस्लिमों के विरोध में है।
RSS के सीनियर बताते हैं कि देश में हमेशा संघ के विरुद्ध दुष्प्रचार किया गया, संघ को मुस्लिमों का विरोधी बताया गया जबकि संघ खुद को हिंदू बताते हुए कहता है कि हम कट्टरता की भावना नहीं फैलाते वरन देश के हर नागरिक में राष्ट्रवाद की अलख जगाना चाहते हैं।