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आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अगर आपने अभी तक आईटीआर (आईटीआर फाइलिंग रूल्स) फाइल नहीं किया है तो जल्द कर लें। अन्यथा आपको परिणाम भुगतना पड़ेगा। वक्त पर रिटर्न दाखिल करना बहुत अच्छा है। मगर अगर आप तय तारीख के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपको बिल रिटर्न दाखिल करना होगा। जिसके लिए आपको आयकर विभाग द्वारा एक निश्चित वक्त भी दिया जाता है। मगर इसके साथ ही आपको जुर्माना भी देना होगा।

कितना लगेगा जुर्माना?

सबसे पहले जुर्माने की बात करें तो अगर आपकी आय पांच लाख रुपये से कम है तो आपको एक हजार रुपये जुर्माना देना होगा। अगर आपकी आय पांच लाख रुपये से ज्यादा है तो जुर्माने की रकम पांच हजार रुपये होगी। इसके साथ ही आपको कई कटौतियों और छूट का लाभ भी नहीं मिलेगा। इससे आप पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। यानी इसमें आपको नुकसान भी ज्यादा होगा।

आयकर विभाग ने बिल रिटर्न दाखिल करने के लिए 31 जुलाई से 31 दिसंबर तक की अवधि दी है। इसके बाद भी अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो आप पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसलिए आयकर छूट और कटौती का लाभ उठाने के लिए 31 जुलाई से पहले रिटर्न दाखिल करना हमेशा बेहतर होता है।

जुर्माने के साथ ब्याज भी देना होगा

यदि आपकी इनकम पर टैक्स लगता है और आप वक्त सीमा तक अपना रिटर्न दाखिल करने में विफल रहते हैं, तो आपको अपना रिटर्न दाखिल करने तक हर महीने 1 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। आयकर दाखिल करते वक्त अपनी आय कम बताने पर 50 प्रतिशत और अपनी आय गलत बताने पर 200 प्रतिशत का जुर्माना। बार-बार नोटिस के बावजूद आयकर का भुगतान न करने पर तीन साल से सात साल तक की कैद हो सकती है।

अगर कर्मचारी टैक्स रिटर्न दाखिल करने में असफल रहते हैं तो उन्हें नई कर प्रणाली का लाभ नहीं मिलेगा। नई कर प्रणाली में 7 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त रखा गया। देर से रिटर्न दाखिल करने का एक बड़ा नुकसान यह है कि आपको टैक्स रिफंड मिलने में भी असुविधा हो सकती है। साथ ही आयकर विभाग के अधिकारियों का ध्यान आप पर जाएगा। ताकि आपकी जांच हो सके या आप जांच के दायरे में आ सकें।

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