रूसी कमांडर ने दिए थे नरसंहार के आदेश, कहा था 50 साल से कम उम्र के लोगों को मार डालो

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यूक्रेन। पिछले दिनों यूक्रेन के बूचा में हुए नरसंहार का असली दोषी रूसी सैन्य कमांडर अजात्बेक ओमुरबेकोव है। इसी कमांडर ने रूसी सैनिकों को आदेश दिया था कि 50 साल से कम उम्र वाले पुरुषों की हत्या कर दी जाए और महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जाए। ये दावा ब्रिटिश मीडिया ने किया है। ब्रिटिश मीडिया से अपनी के रिपोर्ट में रूसी कमांडर को बूचा का कसाई बताया है।

Bucha Massacre

रिपोर्ट के अनुसार सेपरेट मोटराइज्ड राइफल ब्रिगेड के कमांडर अजात्बेक ओमुरबेकोव ने बूचा के नागरिकों की हत्या करने के बाद उनके परिजनों को शवों को दफनाने के लिए सिर्फ बीस मिनट का समय दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सैन्य कमांडर ईश्वर में विश्वास रखता है और युद्ध से पहले उसने ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी से भी आशीर्वाद लिया था।

बूचा में शवों की जांच कर रहे अधिकारियों से शेष नागरिकों ने कहा कि रूसी सैनिकों ने यहां पहुंचाने के बाद उनसे उनके दस्तावेज मांगे थे। इस दौरान कई लोगों को नागरिकों को गोली मार दी गई। लोगों का कहना है कि उनके शरीर पर यूक्रेनी आर्मी के टैटू की तलाश में कई नागरिकों के जबरन कपड़े भी उतरवाए गए और महिलाओं के साथ समूहिक दुष्कर्म भी किया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स में जिस रूसी कमांडर को नरसंहार का दोषी करार दिया जा रहा है, उसे साल 2014 में रूस के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर दिमित्री बुल्गाकोव ने बेहतरीन काम के लिए मिलिट्री मेडल से सम्मानित भी किया था। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, एक आर्मी कमांडर अपने सैनिकों की तरफ से किए गए किसी भी वॉर क्राइम के लिए जिम्मेदार होता है।

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