यज्ञ में गाय के घी की आहुति देने से मिलती है सूर्य को ऊर्जा, होती है बारिश : हाईकोर्ट

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प्रयागराज। इलाहबाद हाईकोर्ट इन दिनों गाय को लेकर दिए गए अपने एक फैसले की वजह से सुर्ख़ियों में है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने बीते दिनों अपने एक फैसले में कहा था कि गाय को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाना चाहिए और इसकी सुरक्षा को हिंदुओं के मूलभूत अधिकारों में शामिल किया जाना चहिए। हालांकि सुनवाई कि दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि गाय ही एकमात्र ऐसा जानवर है, जो ऑक्सीजन लेती और छोड़ती है। उन्होंने कहा कि यज्ञ में गाय के घी का इस्तेमाल करने से बारिश होती है और पंचगव्य से कई गंभीर बीमारियां दूर होती हैं।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी 59 वर्षीय एक व्यक्ति पर मुकदमे से जुड़े एक मामले में की है, जिसे इसी वर्ष मार्च में गोकशी के आरोप में उत्तर प्रदेश के संभल जिले से अरेस्ट किया गया था। याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव ने हिन्दी में लिखे 12 पेज के फैसलों में कहा कि भारत में यज्ञ में आहुति में गाय के दूध से बने घी का उपयोग करने की परंपरा है। यह सूर्य की किरणों को विशेष ऊर्जा देता है,जिससे बारिश होती है।

गायों के महत्व को लेकर न्यायमूर्ति यादव ने कहा कि वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि गाय ही एकमात्र जानवर है जो ऑक्सीजन लेती और छोड़ती है। गाय के दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर से बना पंचगव्य कई असाध्य रोगों (गंभीर बीमारियों) के उपचार में मददगार होता है। आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक गाय अपने जीवनकाल में 400 से अधिक मनुष्यों के भोजन में योगदान करती है मगर उसके मांस से सिर्फ 80 लोगों को पेट भर सकता है। न्यायमूर्ति यादव ने कहा कि यीशु मसीह ने कहा है कि गाय या बैल को मारना इंसान को मारने जैसा है।

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