नई दिल्ली ।।आंध्र प्रदेश राज्य के नेल्लोर जिले में फंसे अपने बेटे को लाने के लिए मां रजिया बेगम ने साहस और हिम्मत का परिचय दिया। उन्होंने निजामाबाद के बोधन से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर तक की 1400 किलोमीटर की दूरी 72 घण्टों में अपने स्कूटी के जरिए तय की और नेल्लोर में फंसे अपने बेटे को वापस घर लेकर आई। इस घटना ने उस कहावत को चरितार्थ कर दिया, जिसमें कहा गया है- ‘पूत कपूत हो सकता है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती।’
50 वर्षीय रजिया बोधन में पेशे से टीचर हैं। बेटे को लाने के लिए रजिया ने 1400 किलोमीटर का सफर सोमवार सुबह शुरू किया था और बुधवार शाम को बेटे के साथ वापस घर लौटीं। मंगलवार दोपहर को नेल्लोर में उन्होंने अपने 17 वर्षीय बेटे मोहम्मद निजामुद्दीन को लिया जो वहां अपने एक मित्र के घर में लॉकडाउन की वजह से फंसा था।
रजिया ने तीन दिनों में कुल 1400 किलोमीटर का सफर तय किया। बोधन के सहायक पुलिस कमिश्नर वी जयपाल रेड्डी ने जो पत्र रजिया को दिया था उसमें उन्होंने अफसरों से कहा कि रजिया को जाने की अनुमति दी जाए, ताकि वो अपने बेटे को वापस ला सकें। रजिया बेगम ने बताया कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों ही राज्यों में पुलिस ने उन्हें कई जगहों पर रोका, लेकिन पुलिस ऑफिसर के पत्र को देखने के बाद जाने की आज्ञा दे दी। मां की ममता को देखकर पुलिस कर्मी भी भावुक हो गए।