समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से परिवारवाद का गहरा नाता और गहराता जा रहा है। एक ही परिवार के लोगों को सपा में अहम पद दिया जा रहा है। जबकि ऐसे कार्यकर्ता जो वर्षों से पार्टी की नीतियों को ढो रहे हैं, उन्हें उपेक्षा मिल रही है।
ताजा उदाहरण माध्यमिक शिक्षा महकमे के निदेशक रहे वासुदेव यादव और उनकी बेटी निधि यादव का है। वासुदेव यादव को पूर्व की सरकार में ही सपा (Samajwadi Party) से एमएलसी बनाया गया था। अब उनकी बेटी को समाजवार्दी पार्टी महिला सभा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है।
बीते 19 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने बाकायदा पत्र जारी कर यह ऐलान किया। निधि यादव को संगठन की नीतियों के प्रचार-प्रसार व संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गयी है। वह सपा में सक्रिय भी हैं। उन्होंने सपा नेता के तौर पर क्षेत्र का दौरा भी करना शुरू कर दिया है।
निधि यादव वर्ष 2017 के चुनाव में इलाहाबाद के हंडिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुकी हैं। हालांकि उस चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली थी। पूर्व की सपा (Samajwadi Party) सरकार में वह टूरिस्ट प्रमोशन बोर्ड की मेम्बर भी रह चुकी हैं। वह पार्टी की प्रवक्ता भी हैं।
पूर्व शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव ने Samajwadi Party का दामन थामा तो लेकिन उन्हें उससे राहत नहीं मिली। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया है। विजिलेंस ने खुली जांच के बाद शासन की अनुमति से यह केस दर्ज किया है।
आरोप है कि उन्होंने पद पर रहते हुए प्रयागराज में करोड़ों की संपत्तियां अर्जित की। 2017 में उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे। उनकी चल अचल संपत्तियों की जांच में आय से 109 गुना अधिक संपत्ति दर्ज की गयी है।