समीर वानखेड़े के पापा व पत्नी ने उधेड़ी नवाब मलिक की चमड़ी, दिखाया वो सार्टिफिकेट जिसमें॰॰॰

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अफसर समीर वानखेड़े के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, पापा ज्ञानदेव वानखेड़े ने आज कहा कि मैं दलित हूं, मेरे दादा, परदादा सब हिन्दू हैं तो बेटा कहाँ से मुसलमान हो गया? ये उन्हें (नवाब मलिक) समझना चाहिए। अगर नवाब मालिक ऐसे ही पीछे लगे तो हमें उन पर मानहानि का मुकदमा तो करना ही पड़ेगा।

Gyandev Wankhede

जब से उसका दामाद ड्रग मामले में अरेस्ट हुआ है, वह हमें निशाना बना रहा है। हम जीवन के खतरों का सामना करते हैं। वह (नवाब मलिक) एक प्रभावशाली शख्सियत हैं और ‘रावण’ की तरह हैं- दस हाथ, दस मुंह, पैसा, कुछ भी कर सकते हैं।

मंत्री नवाब ने बीते कल को कहा था कि मेरे पास सभी विश्वसनीय कागजात हैं, जो साबित करते हैं कि समीर वानखेड़े का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ, किंतु उन्होंने जाली पहचानपत्र बनाया और अनुसूचित जाति वर्ग के अंतर्गत नौकरी पाई। कानून के मुताबिक, इस्लाम धर्म अपनाने वाले दलितों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। अत: समीर वानखेड़े ने अनुसूचित जाति के एक योग्य व्यक्ति के नौकरी का अवसर छीन लिया।

वहीं, समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर वानखेड़े ने कहा कि समीर वानखेड़े को पता था कि वो हिंदू हैं और उन्हें स्पेशल मैरिज एक्ट में शादी करनी है और उन्होंने वो की। तो फर्जीवाड़ा कहां हुआ? समीर वानखेड़े ने अपनी जाति और धर्म के बारे में कभी झूठ नहीं बोला है।

उन्होंने आगे कहा कि हमने कभी किसी बात से इनकार नहीं किया, किंतु झूठ को बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमारे पास कानूनी कागज हैं, ये कैसा जालसाजी है। यहां स्पष्ट लिखा है कि वह हिंदू है। इधर, महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े पर गैरकानूनी तरीके से फोन टैप करने का इल्जाम लगाया।

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