नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में विधानसभा चुनाव सन्निकट है। चुनाव के पहले देश में खासतौर से उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण का मामला सरगर्म है। इसी माहौल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कए अहम बातें कही हैं। भगवत ने कहा कि हिन्दू- मुस्लिम एकता की बातें भ्रामक हैं, यह दोनों अलग नहीं हैं। भागवत ने कहा है कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं।
आरएसएस चीफ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के तत्वाधान में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने मॉब लिंचिंग, भारत में इस्लाम आदि मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे। डीएनए का भी जिक्र करते हुए भागवत ने कहा है कि सभी भारतीयों का DNA एक है, चाहें वो किसी भी धर्म के क्यों न हो। उन्होंने कहा कि पूजा पद्धति के आधार पर लोगों के बीच अंतर नहीं किया जा सकता है। यह सिद्ध हो चुका है कि हम 40 हजार साल से एक ही पूर्वज के वंशज हैं।
आरएसएस चीफ ने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं है। एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों का गौरव होना चाहिए। मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों की निंदा करते हुए भागवत ने कहा कि ये हिंदुत्व के खिलाफ है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो लोग दूसरों को मार रहे हैं वे हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं। ऐसे लोगों के कगिलाफ कानून को अपना काम करना चाहिए।
भागवत ने कहा कि हम एक लोकतंत्र में हैं। यहां हिंदुओं या मुसलमानों का नहीं केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है। संघ के बारे में उन्होंने कहा कि संघ न तो राजनीति में है और न ही यह कोई छवि बनाए रखने की चिंता करता है। संघ राष्ट्र को सशक्त बनाने और समाज में सभी लोगों के कल्याण के लिए सतत अपना कार्य करता है।