लखनऊ, 9 नवंबर| भाजपा को एक अल्टीमेटम जारी करने के एक दिन बाद, उसके सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने अब अयोध्या में भगवान राम पर अपनी टिप्पणी से संतों और संतों को नाराज कर दिया है।
आपको बता दें कि संजय निषाद ने दावा किया है कि भगवान राम एक महान संत श्रृंगी ऋषि के पुत्र थे। निषाद ने कहा, “राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी और उन्होंने श्रृंगी ऋषि को एक ‘यज्ञ’ करने के लिए कहा, जिसके बाद उनके पुत्रों का जन्म हुआ। कहा जाता है कि दशरथ ने अपनी तीन रानियों को विशेष रूप से तैयार खीर दी थी जिसके बाद पुत्रों का जन्म हुआ। लेकिन सिर्फ ‘खीर’ खाने से कोई गर्भवती नहीं होता है।”
वहीँ संतों का दावा है कि उनकी ईशनिंदा टिप्पणी सस्ते प्रचार को अर्जित करने के लिए एक चाल है और उन्होंने भाजपा से निषाद पार्टी के साथ अपना गठबंधन तुरंत समाप्त करने के लिए कहा है। राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “संजय निषाद द्वारा इस्तेमाल किया गया बयान और भाषा बेहद आपत्तिजनक है। यह भगवान राम और उनके भक्तों का अपमान है।”
हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक निषाद को इस तरह की टिप्पणी करनी चाहिए। भगवान राम ने निषादों को पूरा सम्मान दिया जिन्होंने उन्हें नदी पार करने में मदद की, लेकिन आज, यह एक निषाद नेता है जिसने अपमान किया है भगवान। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।” इस बीच, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा से भगवान राम पर संजय निषाद के बयान पर सफाई देने को कहा है।