बच्चों की सेहत और सुपोषण के लिए 2 अक्टूबर तक चलेगा ‘संकल्प-अभियान’, चिन्हित बच्चों के लिए…

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कुशीनगर।। बीते माह 17 से 24 जून तक मनाए गए वजन सप्ताह के अंतर्गत चिन्हित कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों की सेहत और सुपोषण के लिए आगामी दो अक्टूबर तक ‘संभव-अभियान’ चलेगा। इस दौरान चिन्हित बच्चों के लिए सघन सामुदायिक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। जनपद में कुल 23,793 कुपोषित बच्चे चिन्हित हैं। अभियान की सफलता के लिए जागरूकता रैली भी निकाली गयी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी( डीपीओ) एसके सिंह ने कहा है कि “संभव-अभियान’ का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सेहत और पोषण स्थिति में सुधार लाना है। ऐसे में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया जाता है कि ‘संभव-अभियान’ के दौरान सघन सामुदायिक गतिविधियाँ आयोजित कर कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों का फॉलोअप करें। सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा मुख्य सेविका अपने अपने क्षेत्र में अभियान का पर्यवेक्षण करते रहें।

डीपीओ ने बताया कि अति कुपोषण ( सैम) और कुपोषण ( मैम) का मुख्य कारण माँ का कुपोषित होना, जन्म के समय शिशु का कम वजन होना, जागरूकता एवं पोषण युक्त भोजन का अभाव, बच्चों को स्तनपान न कराना, समय से ऊपरी आहार न शुरू करना, कम मात्रा में ऊपरी आहार देना तथा स्वच्छता में कमी हो सकता है। इतना ही नहीं दस्त, निमोनिया या टीबी की वजह से भी बच्चे कुपोषित या अति कुपोषित हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर समय रहते गर्भवती के स्वास्थ्य एवं पोषण पर ध्यान दिया जाए तो आने वाला बच्चा स्वस्थ होगा। स्वस्थ माँ ही सेहतमंद बच्चे को जन्म दे सकती है। इसी को ध्यान में रखकर जुलाई माह की थीम मातृ-पोषण रखी गयी है।

जुलाई माह से चलने वाली सामुदायिक गतिविधियाँ–

-सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण करें।
-गर्भवती-धात्री महिलाओं से संपर्क कर स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति सचेत करें।
– प्रथम त्रैमासिक वाली गर्भवती का पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करें।
– पोषण स्तर जानने के लिए उनके वजन और लंबाई का मापन किया जाए।
– द्वितीय त्रैमासिक वाली गर्भवती का वजन व स्वास्थ्य जांच के साथ आयरन कैल्शियम व पौष्टिक आहार के सेवन की सलाह दें।
-तृतीय त्रैमासिक वाली गर्भवती को प्रसव के पहले तैयारियां करने के बारे में बताएं।

अभिभावकों को भी करें जागरूक–

डीपीओ ने बताया कि 26 से 31 जुलाई के बीच नवजात शिशु के स्वास्थ्य के बारे में अभिभावकों को भी जागरूक करें। इस दौरान बताया जाए कि छह माह तक शिशु को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराया जाए। माँ का दूध शिशु के लिए संपूर्ण आहार है। समय समय पर नवजात का वजन भी लिया जाए। ” कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों के सेहत और सुपोषण को लेकर विभाग गंभीर है। वजन सप्ताह के अंतर्गत कुल 18702 कुपोषित तथा 5091 अति कुपोषित चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें सुपोषित करने के लिए आगामी दो अक्टूबर तक ‘ संभव-अभियान ‘ चलाया जा रहा है”

एसके सिंह
                     जिला कार्यक्रम अधिकारी

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