भीलवाड़ा। संस्कृत भारती संगठन के चित्तौड़ प्रांत का कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग रविवार को ऑनलाइन आयोजित किया गया। ऑनलाइन अभ्यास वर्ग को संबोधित करते हुए संस्कृत भारती संगठन के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीशदेव पुजारी ने कहा कि उद्देश्य के बिना संगठन का निर्माण असंभव है। अतः संगठन के प्रत्येक भाग का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।
संगठन में कार्यरत सभी व्यक्तियों को संगठन के उद्देश्य स्पष्ट होने चाहिए। संस्कृत भारती संगठन ही एक ऐसा संगठन है जो विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा के संवर्धन के लिए कार्य कर रहा है। संस्कृत भारती का अपना लक्ष्य है। प्रत्येक व्यक्ति तक संस्कृत को पहुंचाना ताकि संस्कृत को देश में आम बोलचाल की भाषा बनाई जा सके। शास्त्रों में भरे अथाह ज्ञान का ज्ञानार्जन प्रत्येक व्यक्ति कर सके ताकि अपने उच्चतम आदर्शों एवं मूल्यों की स्थापना करने में सहायक हो सके।
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जिस दिन संस्कृत प्रत्येक मनुष्य के हृदय में अंकित हो जाएगी उस दिन संगठन और उसका लक्ष्य पूर्ण हो जायेगा। आंदोलन की अपेक्षा संगठन अधिक महत्वपूर्ण है। बहुत सारे आंदोलन देश ने देखे कुछ उद्देश्य प्राप्ति से पूर्व ही समाप्त हो गए लेकिन संगठन अपने उद्देश्य मे जरूर सफल होते है। कार्यकर्ताओ की कार्य संरचना पिरामिड की तरह होनी चाहिए। समाज मे मजबूती से स्थिर रहकर कार्य करने की समाज में कार्यकर्ता का जितना अधिक आधार होगा उतना ही ज्यादा संस्कृत कार्य बढ़ेगा।