Up kiran,Digital Desk : ज्योतिष की दुनिया में जब भी शनि ग्रह का नाम आता है, तो बहुत से लोगों के मन में एक डर सा बैठ जाता है। शनि देव को हमारे कर्मों का फल देने वाला और न्याय का देवता माना जाता है। वो हमें हमारे अच्छे-बुरे कामों का हिसाब देते हैं। साल 2026 में शनि देव मीन राशि में ही रहेंगे, लेकिन इस दौरान उनकी चाल में कई बदलाव आएंगे।
कभी वे वक्री (उल्टी चाल) चलेंगे तो कभी मार्गी (सीधी चाल), और मार्च-अप्रैल के महीने में अस्त और उदय भी होंगे। शनि की इस बदलती चाल का असर हम सभी पर पड़ेगा। खासकर कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव देखने को मिलेगा, जिससे उन्हें अपने जीवन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए, इसे बहुत ही आसान भाषा में समझते हैं कि वो कौन सी राशियां हैं और उन्हें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती
- मेष राशि: आपके ऊपर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा, इसलिए यह समय थोड़ा धैर्य और समझदारी से काम लेने का है।
- मीन राशि: आपके लिए साढ़ेसाती का दूसरा चरण चलेगा।
- कुंभ राशि: आपकी साढ़ेसाती का यह तीसरा और आखिरी चरण होगा, जिसके बाद आपको राहत मिलेगी।
क्या सावधानियां बरतें?
इन तीनों राशियों के लोगों को 2026 में थोड़ा संभलकर चलने की जरूरत है। मन में किसी बात को लेकर बेचैनी या तनाव महसूस हो सकता है। अगर आप व्यापार करते हैं, तो हो सकता है कि आमदनी की रफ्तार थोड़ी धीमी लगे। नौकरीपेशा लोगों को इस समय नौकरी बदलने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और कोई भी बड़ा फैसला बहुत सोच-समझकर लेना बेहतर होगा। कोशिश करें कि इस दौरान किसी को पैसे उधार न दें, क्योंकि उसके वापस मिलने में मुश्किल हो सकती है।
इन राशियों पर रहेगा शनि की ढैय्या का प्रभाव
- धनु राशि
- सिंह राशि
क्या सावधानियां बरतें?
इन दोनों राशियों के लोगों को 2026 में अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत है। कहीं पैसा निवेश करने से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल कर लें, वरना पैसा फंस सकता है। इस दौरान आपको मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है, लेकिन शायद उसके नतीजे मिलने में थोड़ी देर लगे। फिजूलखर्ची पर भी कंट्रोल रखना जरूरी है, वरना बजट बिगड़ सकता है।
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के आसान उपाय
अगर आपकी राशि पर भी साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ सरल उपाय करके आप इसके असर को कम कर सकते हैं:
- सरसों के तेल का दीपक: हर शनिवार को शनि देव की मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें। इससे मन को शांति मिलेगी।
- पीपल के पेड़ की पूजा: हर शनिवार को एक लोटे में दूध और जल मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि इससे रुके हुए काम बनने लगते हैं और शनि देव की कृपा मिलती है।
- दान करें: शनिवार के दिन अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों या जरूरतमंदों को कंबल, सरसों का तेल या काली दाल जैसी चीजों का दान करें। सेवा और दान से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
- मंत्र का जाप: शनि देव के बीज मंत्र ‘ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु न:।’ का हर दिन जाप करने से भी लाभ मिलता है।
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