14 जुलाई से शुरू होने वाला सावन का महीना भगवान शंकर को बेहद प्रिय है। धार्मिक मान्यता है कि महीने में विधिवत पूजा करने और सोमवार का व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। भगवान शिव की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। शास्त्रों के अनुसार, सावन मास में कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए और कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए। आइये जानते हैं क्या हैं वे गलतियां।
- शास्त्रों में बताया गया है कि सावन मास में बैंगन नहीं खाना चाहिए। बैंगन को अशुद्ध सब्जी की श्रेणी में रहा जाता है। यही वजह है कि लोग द्वादशी और चतुर्दशी के दिन बैंगन खाने से परहेज करते हैं।
- सावन के महीने में शिवलिंग पर दूध से जलाभिषेक करना शुभ होता है। यही वजह है कि इस महीने दूध के सेवन से परहेज करना चाहिए।
- भगवान शिव की पूजा करते समय उन्हें कुछ खास चीजों को अर्पित करने से बचना चाहिए। शिवलिंग पर हल्दी और सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूरा अतिप्रिय है। वहीं चढ़ाना चाहिए।
- सावन मास में किसी का अपमान न करें। वाद-विवाद से दूर रहे और वाणी पर संयम बरतें।
- इस महीने में द्वार पर आए गाय या बैल को मारकर नहीं भगाना चाहिए। बल्कि इन्हें खाने के लिए कुछ देना चाहिए। बैल को मारना भगवान शिव की सवारी नंदी के अपमान के समान माना जाता है।
- सावन महीने में शरीर पर तेल लगाने से परहेज करना चाहिए। इस महीने शरीर पर तेल लगाना अशुभ होता है
- भगवान शिव की पूजा में केतकी का फूल चढ़ाना अशुभ होता है।
- इस महीने दिन में सोना नहीं चाहिए।