Sawan 2022 First Somvar: आज सावन के पहले सोमवार पर बन रहे हैं, सावन सोमवार पूजा विधि

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ये मिल रहें 3 शुभ संयोग, इस तरह करेंगे शिवजी की पूजा तो मिलेगा भरपूर आशीर्वाद

Sawan 2022 First Somvar: आज सावन मास का पहला सोमवार है। इस दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. ऐसे में इस तरह शिवजी की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा।

Sawan 2022 First Somvar: सावन सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार, सावन साल का पांचवां महीना होता है। वैसे तो सावन मास (Sawan Month) की शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है, लेकिन 18 जुलाई यानी आज सावन का पहला सोमवार है।

धार्मिक मान्यता है कि जो कोई इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक कर विधि-विधान से उनकी पूजा करता है, भोलेनाथ उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं. सावन का पहला सोमवार (Sawan 2022 First Somvar) बेहद खास माना जा रहा है।

दरअसल इस दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में इस शुभ संयोग में शिव जी की उपासना बेहद फलदायी मानी जा रही है। आइए जानते हैं कि सावन के पहले सोमवार पर शिव जी की पूजा (Sawan First Somvar Shiv Puja) किस प्रकार करें।

रवि योग- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन के पहले सोमवार पर आज रवि योग बन रहा है। इस योग में शिव जी की पूजा अत्यंत शुभ फलदायी मानी गई है।

शोभन योग- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन के पहले सोमवार पर आज शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। इसे सावन सोमवार का दुर्लभ संयोग माना जा रहा है। शोभन योग में पूजा-पाठ, मंत्र जाप और साधना करना अत्यंत शुभ होता है। ऐसे में शिव जी की पूजा से सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।

मौना पंचमी योग- सावन के पहले सोमवार पर आज मौना पंचमी का भी शुभ संयोग बन रहा है। ऐसे में आज शिव जी के साथ गान देवता की फलदायी साबित होगी. मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत रखने से मानसिक शक्ति बढ़ती है।

Sawan First Somvar 2022 Muhurat

रवि योग आरंभ – 18 जुलाई 2022, 12.24 PM
रवि योग समाप्त- 19 जुलाई 2022, 5.35 AM
शोभन योग आरंभ- 17 जुलाई 2022, 05:49 PM
शोभन योग समाप्त- 18 जुलाई 2022, 03:26 PM
अभिजीत मुहूर्त- 18 जुलाई 2022, 11.47 AM से 12.41 PM

सावन सोमवार पूजा विधि | Sawan Somvar 2022 Puja Vidhi

सुबह सबसे पहले शौच आदि से निवृत होकर स्नान कर लेंं। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें। अगर घर में शिवलिंग की पूजा करते हैं, तो पहले शिव जी से सामने हाथ में गंगाजल लेकर शिव पूजन का संकल्प लें।
शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर पंचामृत यानी दूध, दही, घी, शहद और शक्कर अर्पित करें। इसके अलावा गन्ने के रस से भी शिवजी का अभिषेक कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।

शिव जी को बेलपत्र बेहद प्रिय है। ऐसे में 11 या 21 बेलपत्र पर चंदन से ओम् नमः शिवाय लिखें। साथ ही ‘त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्, त्रिजन्मपाप संहारं एक बिल्वं शिवार्पणम्’ इस मंत्र के शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें।

शिवलिंग पर धतूरा, शमी के पत्ते, भांग, अबीर, गुलाल, अक्षत, केसर, पान, सुपारी, सुगंधित इत्र इत्यादि अर्पित करें। इसके साथ ही सफेद चंदन, बेलपत्र और फूल से शिवलिंग का श्रृंगार करें.

शिव जी को फल और मिष्ठान का भोग लगाकर शिव चालीसा का पाठ करें। इसके अलावा शिवजी के मंत्रों का जाप करना भी शुभ रहेगा। पूजन के अंत में सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और फिर शिवजी की आरती कर पूजन का समापन करें।

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