वैज्ञानिकों ने खोज ली कोरोना की ये सबसे दमदार दवा, 24 घंटे में खत्म हो जाएगा संक्रमण 

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नयी दिल्ली। वैज्ञानिकों की एक टीम ने कोरोना महामारी की सबसे दमदार दवा खोजने का दावा किया है। इस दवा से 24 घंटे में ही कोरोना का संक्रमण खत्म हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ये दवा कोरोना को पूरी तरह से खत्म करने में सक्षम है। साथ ही इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के मरीजों में सिर्फ संक्रमण फैलने से ही नहीं रोका जा सकता है बल्कि उससे भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से भी बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं इस दवा के बारे में…

Medicine for corona virus

कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाने के अलावा दुनियाभर के वैज्ञानिक अन्य विकल्पों पर भी शोध कर रहे हैं। इसी क्रम में वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसी दवा खोजने का दावा किया है, जो महज 24 घंटे में ही कोरोना का संक्रमण खत्म कर देगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि ये दवा कोरोना को पूरी तरह से खत्म करने में सक्षम है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के मरीजों में सिर्फ संक्रमण फैलने से ही नहीं रोका जा सकता है बल्कि उससे भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से भी बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं इस दवा के बारे में…

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दवा का नाम MK-4482/EIDD-2801 है, जिसे मोल्नूपीराविर (Molnupiravir) भी कहा जाता है। इस दवा की खोज से संबंधित अध्ययन रिपोर्ट जर्नल ऑफ नेचर माइक्रोबायलॉजी में छपी है।

इस अध्ययन के लेखक रिचर्ड प्लेंपर के मुताबिक, कोरोना के इलाज के लिए मुंह से खाई जाने वाली दवाई के तौर पर यह पहली दवा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दवा की खोज जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआती शोध में इस दवा को इंफ्लूएंजा जैसे जानलेवा फ्लू को खत्म करने में असरदार पाया गया था, जिसके बाद कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए इसपर शोध किया गया। इस दौरान वैज्ञानिकों ने कुछ जानवरों को पहले कोरोना से संक्रमित किया और उसके बाद जैसे ही उन जानवरों ने नाक से वायरस को छोड़ना शुरू किया, उन्हें तुरंत मोल्नूपीराविर दवा दी गई।

मोल्नूपीराविर दवा देने के बाद संक्रमित जानवरों को स्वस्थ जानवरों के साथ एक ही पिंजरे में रखा गया, ताकि यह देखा जा सके कि उनमें संक्रमण फैलता है या नहीं। अध्यययन के सह लेखक जोसफ वॉल्फ ने बताया कि शोध के दौरान यह पाया गया कि संक्रमित जानवरों से स्वस्थ जानवरों में संक्रमण नहीं फैला। उनका कहना है कि अगर इस दवा का इस्तेमाल अगर संक्रमित मरीजों पर किया जाता है तो महज 24 घंटे में ही मरीज के शरीर से संक्रमण खत्म हो जाएगा।

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