‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ के सियासी पर्दे पर बसपा-सपा में भी शुरू हुई ड्रामे की पटकथा

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

आज बात करेंगे उत्तर प्रदेश की । बसपा और सपा ने एक बार फिर अपनी-अपनी आस्तीनें चढ़ा लीं हैं । बस इंतजार कर रहे हैं पर्दा उठने का । फिलहाल दोनों दलों के नेता अभी नफा-नुकसान का आकलन करने में लगे हुए हैं ।

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आइए आपको बताते हैं बहुजन समाजवादी पार्टी और सपा में सुलग रही चिंगारी की वजह क्या हैं । पिछले दिनों राजनीति पर आधारित ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया । ‘फिल्म के ट्रेलर ने प्रदेश की सियासत को गर्म कर दिया, जिसके बाद बसपा-सपा में भी लिखी जाने लगी सियासी ड्रामे की पटकथा’। बता दें कि यह फिल्म बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के जीवन पर आधारित है ।

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फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर के कई सीन विवादों में हैं, फिल्म का ये विवाद जातिगत आधार पर है। बसपाई कह रहे हैं कि इस फिल्म में मायावती की छवि को गलत तरीके से दिखाया गया है ।

फिल्म में कई तथ्य ठीक नहीं

बसपा और सपा कार्यकर्ता फिल्म का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं । एक तरफ बसपा को लग रहा है कि फिल्म में कई तथ्य ठीक नहीं हैं, तो वहीं सपा कार्यकर्ता तर्क दे रहे हैं कि यादवों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है।

जिसकी वजह से मैडम चीफ मिनिस्टर का विवाद गहराता जा रहा है ‌। दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के अलावा सोशल मीडिया पर भी मैडम चीफ मिनिस्टर के रिलीज हुए ट्रेलर पर तीखी नोकझोंक देखी जा रही है ।

सोशल मीडिया पर लिखे जा रहे कमेंट में कहा जा रहा है कि अगर कहानी दलित नेता के बारे में है तो कलाकार भी उन्हीं के समुदाय से होना चाहिए। ऐसे मुद्दे पर दोनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने सियासी तरीके से विरोध करने का एलान कर रखा है ।

अभी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव आने में लगभग एक वर्ष बाकी है । ऐसे में फिल्म मैडम चीफ मिनिस्टर ने बसपाई और सपाइयों को एक बार फिर से आमने सामने ला दिया है ।

हालांकि अभी इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा केेे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कोई बयान नहीं आया है ।‌

राजनीतिक ड्रामे पर बनी यह फिल्म 22 जनवरी को रिलीज की जाएगी

मैडम चीफ मिनिस्टर’ के ट्रेलर की शुरुआत में ही ‘डिसक्लेमर है कि ये पूरी तरह काल्पनिक कहानी है’ ।लेकिन राजनीति में जानकारी रखने वाला कोई भी शख्स आसानी से समझ जाएगा कि अभिनेत्री ऋचा चढ्ढा का रोल यूपी की पूर्व सीएम मायावती से प्रेरित है।

इसी हफ्ते ट्रेलर रिलीज होते ही राजनीतिक हलकों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि मायावती की कहानी स्क्रीन पर आ रही है । इसके बाद यूपी के सियासी बाजार में हलचल बढ़ गई है ।

बता दें कि इस फिल्म की पूर्व सीएम और बीएसपी सुप्रीमो मायावती की कहानी से समानता है। फिल्म में दलित लड़की के संघर्ष के साथ-साथ उसके राजनीतिक गुरु का रोल अभिनेता सौरभ शुक्ला निभा रहे हैं।

कहा जा रहा है ये बहुजन समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेता कांशीराम के किरदार से प्रेरित है, जो मायावती के राजनीतिक गुरु थे। राजनीतिक ड्रामे पर बनी यह फिल्म 22 जनवरी को रिलीज की जाएगी ।

फिल्म में ऋचा चड्ढा के अलावा सौरभ शुक्ला, मानव कौल, अक्षय ओबेरॉय और सुरभि चंद्रा मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म को सुभाष कपूर ने डायरेक्ट किया है। इसके प्रोड्यूसर भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, नरेन कुमार और डिंपल खरबंदा है।

सियासी दलों के बीच फंसी इस फिल्म का निर्देशक और वितरकों को हो रहा फायदा–

यह पहली फिल्म नहीं है जो रिलीज होने से पहले विवादों में है, इससे पहले भी कई फिल्में ऐसी रही जो पर्दे पर आने से पहले ही हुई कॉन्ट्रोवर्सी से दर्शकों के जेहन में उतर गई थी ।

ये सच है कि निर्माता-निर्देशक और वितरकों को अपनी फिल्म को पॉपुलर करने और हिट कराने में कॉन्ट्रोवर्सी का सबसे अच्छा जरिया लगने लगा है। अधिकांश निर्देशक अपनी फिल्म को रिलीज करने से पहले ही कोई ऐसा हथकंडा या विवाद खड़ा कर देते हैं

, जिससे यह सुर्खियों में बन जाए । यहां हम आपको बता दें कि जब से इस फिल्म के साथ समाजवादी पार्टी बसपा की मायावती और समाजवादी पार्टी का विवाद जुड़ा है तब से सोशल मीडिया पर लोग तमाम प्रकार की प्रतिक्रियाएं देने में लगे हुए हैं, इस फिल्म को देखने के लिए खासतौर पर उत्तर प्रदेश में उत्सुकता है ।

फिल्म जगत में राजनीति या राजनीतिक जगत की मशहूर हस्तियों पर फिल्म बनना नई बात नहीं है। ये केवल साउथ फिल्मों में ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा में और ओटीटी प्लेटफॉर्म यानी वेब शो पर भी राजनीति के आधार पर फिल्म बन रही है । अब ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर राजनीति में इतना बवाल रहता है तो राजनीति पर आधारित फिल्मों में कितना विवाद उठेगा। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का इस फिल्म को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है ।

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