नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदू (Kashmiri Pandits) और सिख समुदायों में भय फ़ैलाने के मकसद से कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा भड़काए गई हिंसा का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने कठोर कार्रवाई करने के कि प्लानिंग की है। बता दें कि इस महीने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के स्थानीय मोर्चों द्वारा श्रीनगर में पांच हिन्दुओं की निर्मम हत्या कर दी गई।
इस घटना के बाद से खुफिया एजेंसियों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की चार आतंकवाद-रोधी और खुफिया टीमें श्रीनगर में मौजूद हैं। इन एजेंसियों को आतंकी मॉड्यूल को पिन-पॉइंट एक्शन के माध्यम से खत्म करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही विद्रोह रोधी बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को श्रीनगर में अपनी कमर कसने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सीमा पार से घुसपैठ रोकने को कहा गया है।
मालूम हो कि इस मुद्दे को लेकर 7 अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच बैठक हुई थी। इस दौरान सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद, केंद्र ने फैसला किया है कि उसकी पहली प्राथमिकता अपराधियों को खत्म करना और फिर उनके प्रायोजकों के खिलाफ कार्रवाई करना है।
बता दें कि बीते दिनों कश्मीर में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandits) फार्मासिस्ट माखन लाल बिंदू, स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर, स्कूली शिक्षक दीपक चंद और बिहार के एक फेरीवाले वीरेंद्र पासवान की हत्या कर दी थी। इसके बाद से सुरक्षा बल नए खतरे को बेअसर करने के लिए श्रीनगर शहर को स्कैन कर रहे हैं। इसको लेकर केंद्र सरकार स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, तीन स्थानीय मॉड्यूल, लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी, तथाकथित प्रतिरोध बल, श्रीनगर में काम कर रहे हैं। ये लोग यहाँ के निर्दोष लोगों (Kashmiri Pandits) को निशाना बना रहे हैं।इधर शुक्रवार की रात जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के नाटीपोरा इलाके में हुए एक एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आकिब बशीर को ढेर कर दिया। उसके शव के पास से एक एके-47 राइफल और दो मैगजीन बरामद हुई ।