शाह-उद्धव सुलझाएंगे महाराष्ट्र की गुत्थी, शिवसेना का दावा- कई विधायकों का मिला समर्थन

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महाराष्ट्र में सत्ता की उलझी गुत्थी सुलझाने के लिए इसी हफ्ते भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच बैठक हो सकती है। फिलहाल दोनों दल मध्यस्थों के जरिए नई सरकार के गठन का ठोस रोडमैप तैयार करने में जुटे हैं।

कार्यकाल का आधा-आधा बंटवारा और सीएम पद के मुख्य विवाद का बीच का रास्ता निकलते ही दोनों नेताओं की मुलाकात होगी। भाजपा सूत्रों के मुताबिक भले ही सार्वजनिक तौर पर भाजपा और शिवसेना में खींचतान दिख रही है, मगर दोनों दल मध्यस्थों के जरिये लगातार संपर्क में हैं। भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह किसी कीमत पर कार्यकाल बंटवारे और सीएम पद की मांग नहीं मानेगी।

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इसे देखते हुए दोनों तरफ से मध्यस्थता में लगे नेता सम्मानजनक रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि, महाराष्ट्र की कुंडली तो हम ही बनाएंगे। कुंडली में कौन सा ग्रह कहां रखना है और कौन से तारे जमीन पर उतारने हैं, किस तारे को चमक देना है, इतनी ताकत आज भी शिवसेना के पास है। शिवसेना ने दावा किया है कि चार निर्दलीय विधायक मंजुला गावित, चंद्रकांत पाटिल, आशीष जायसवाल, नरेंद्र भोंडेकर ने शिवसेना को समर्थन देने का फैसला किया है। प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चू काडु और राजकुमार पटेल व क्रांतिकारी शेतकारी पार्टी के शंकरराव गडख ने भी समर्थन देने का एलान किया है।

दोनों दलों के बीच बात न बनने पर भाजपा 2014 की तर्ज पर अल्पमत सरकार बना सकती है। माना जा रहा है कि शपथ होने के बाद शिवसेना उलझ जाएगी। भाजपा को भरोसा है कि इससे शिवसेना गठबंधन नहीं तोड़ेगी और विश्वास प्रस्ताव से पहले रास्ता निकाल लिया जाएगा। गौरतलब है कि 2014 में भी 122 विधायकों के साथ भाजपा ने अकेले सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद शिवसेना जोड़-तोड़ करती रही और विश्वास मत के दौरान भाजपा के साथ आ गई। तब शिवसेना के 63 विधायक थे।

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