शहीद अहमद पठान- खतरनाक मिशन के लिए हमेशा रहते थे तैयार, नागरिकों को बचाने के लिए जान की बाजी तक लगा दी

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नई दिल्ली॥ जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा जिले में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान कर्नल सहित 5 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए। लगभग 15 घंटे चले ऑपरेशऩ में बहादुर फौजियों ने आंतकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और दो आतंकी का एनकाउंटर कर दिया।

Shaheed Ahmed Pathan

दहशतगर्दों से लोहा लेते हुए जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के सब-इंसपेक्‍टर अहमद पठान उर्फ ‘काजी’ भी शहीद हो गए थे। पठान ने बंधक बनाए गए लोगों को बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी। पठान बहादुर जवान थे जिनकी ऊंचे से ऊंचा लक्ष्य प्राप्त करने की चाहत ने उन्हें नई चुनौतियों का सामना करने का साहस दिया।

अहमद पठान (KAJI) का जन्म उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एलओसी के पास त्राड गांव में 1978 में हुआ था। उन्होंने 1999 में बतौर पुलिस कांस्टेबल के पद पर नौकरी शुरू की थी। बड़ी से बड़ी चु़नौतियों का सामना करने का जज्बा ही उन्हें वर्दी तक ले आया। विभिन्न पुलिस स्टेशनों पर तैनाती के बाद वह 2006 में आतंकवाद से लड़ऩे के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) में शामिल हो गए।

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, वह हमेशा आगे रहते थे और खतरऩाक मिशन पर जाने से भी घबराते नहीं थे। उनकी बहादुरी और ऊंचे लक्ष्य हासिल करने की चाहत के कारण दो दशक में उन्हें 3 बार तरक्की मिली। स्थानीय होने के कारण पठान 21 राष्ट्रीय राइफल्स के चहेते बन गए थे, क्योंकि कश्मीर के भीतरी हिस्सों में घुसने के लिए आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रास्तों के बारे में पठान को सूचना होती थी।

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