Sharad Purnima:शरद पूर्णिमा पर आप भी अपने प्रियजनों को ऐसे भेजें शुभकामना संदेश

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आज रात्रि के प्रहर में माता लक्ष्मी के साथ कुबेर की पूजा विधि विधान से की जाएगी। दोनों की कृपा से आपके जीवन में धन, सुख, समृद्धि और वैभव प्राप्त होगा। आज शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा औषधीय गुणों से युक्त होता है। आज रात खुले आसमान के नीचे खीर रखने और उसे खाने की भी परंपरा है। आज शरद पूर्णिमा व्रत के अवसर पर आप भी अपने प्रियजनों और शुभचिंतकों को शुभकामना एवं बधाई संदेश भेजें ताकि उन पर मां लक्ष्मी की कृपा हो।

शरद पूर्णिमा की रात

शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं एवं बधाई संदेश-

शरद पूर्णिमा का चांद सबसे सुंदर होता है,

और सबसे ज्यादा आशीर्वाद देता है,

आशा है इस रात आप सभी पर,

चन्द्रमा का भरपूर आशीर्वाद बरसे।

शरद पूर्णिमा की रात्रि का दिलकश है निखार,

इसमें बरसे है सिर्फ देवताओं का प्यार-दुलार,

बने चंद्रमा की चांदनी आपके लिए खुशगवार,

शुभ हो आपके लिए शरद पूर्णिमा का त्योहार।

आज रात आसमान से होगी अमृत वर्षा,

चंद्रमा होगा 16 कलाओं से परिपूर्ण,

मां लक्ष्मी स्वर्ग से आएंगी पृथ्वी पर,

आपके घर पधारें कुबेर।

आओ मिलकर शरद पूर्णिमा पर आज खुशी मनाएं,

चंद्रमा का आशीर्वाद लें और फूले ना समाएं,

सिर नवा कर अपना, जीवन को समृद्ध बनाएं।

आज अपने घर को साफ रखना,

घर में दीपक जलाकर रखना,

आज कुबेर संग आएंगी माता लक्ष्मी,

स्वागत के लिए तैयार रहना,

देकर जाएंगी सुख समृद्धि का आशीष,

दरिद्रता, आर्थिक संकट होगा दूर।

आश्विन मास की पूर्णिमा का रंग है निराला,

इस दिन चमके चन्द्रमा सबसे प्यारा,

बिखेर कर अपनी चांदनी से वो हमको दे अपना आशीर्वाद,

ये है कामना इस साल, हर साल।

आओ मिलकर शरद पूर्णिमा पर आज खुशी मनाएं,

चंद्रमा का आशीर्वाद लें और फूले ना समाएं,

सिर नवा कर अपना, जीवन को समृद्ध बनाएं।

आज अपने घर को साफ रखना,

घर में दीपक जलाकर रखना,

आज कुबेर संग आएंगी माता लक्ष्मी,

स्वागत के लिए तैयार रहना,

देकर जाएंगी सुख समृद्धि का आशीष,

दरिद्रता, आर्थिक संकट होगा दूर।

संग गोपियां राधा चली श्रीकृष्ण के द्वार,

कान्हा के सांवले रंग की बिखरे छटा अपार,

आश्विन मास की पूर्णिमा का रंग है निराला,

इस दिन चमके चन्द्रमा सबसे प्यारा,

बिखेर कर अपनी चांदनी से वो हमको दे अपना आशीर्वाद,

ये है कामना इस साल, हर साल।

संग गोपियां राधा चली श्रीकृष्ण के द्वार,

कान्हा के सांवले रंग की बिखरे छटा अपार,

पूर्णिमा के उज्जवल प्रकाश में मिली वो कृष्ण से,

रासलीला आज होगी और नाचेगा सारा संसार।

 

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