महराजगंज। टिकट आवंटन में जिले में कांग्रेस ने बाजी मारी है। जिले की वीआईपी सीट में शुमार पनियरा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने पुराने कांग्रेसी शरदेंदु पांडेय पर अपना भरोसा जताया है। वे भी पूरे मनोयोग से न सिर्फ डोर टू डोर प्रचार-प्रसार में जुटे हैं, बल्कि एक बार फिर कांग्रेस की नैया पार कराने के लिए पूरी शक्ति लगाए हुए हैं।
पनियरा विधानसभा क्षेत्र सीट की बात करें तो इस सीट पर अब तक कांग्रेस प्रत्याशियों को ही सर्वाधिक सफलता मिली है। राजनीति के बनते-बिगड़ते समीकरण की वजह से 1996 के बाद कांग्रेस को यहां सफलता नहीं मिली। फिर भी कांग्रेस ने इस बार पुराने कांग्रेसी शरदेंदु को टिकट देकर एल बार फिर सफलता के लिए ताना-बाना बुनना शुरु कर दिया।
परिणाम क्या होगा यह तो समय बताएगा मगर प्रत्याशिता घोषित होने के बाद शरदेन्दु जीत के लिए हर संभव जतन करने में जुटे हुए हैं। वे पूरे विधानसभा में लोगों से मिलकर पार्टी व अपनी प्राथमिकताओं को साझा करते हुए सहयोग की अपील कर रहे हैं। शरदेंदु के मुताबिक क्षेत्र भ्रमण से अच्छा परिणाम भी सामने आ रहा है। पुरानी पार्टी होने की वजह से लोगों का जुड़ाव भी हो रहा है।
पनियरा विधानसभा सीट पर 1952 में पहली बार कांग्रेस के द्वारिका प्रसाद पांडेय विधायक बने और 1957 में भी कब्जा बरकरार रखा। 1962 के चुनाव में कांग्रेस ने वीर बहादुर सिंह को पनियरा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और वे भी जीत गए। वीर बहादुर सिंह 1967, 1969, 1974, 1980 और 1985 में भी इसी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे और 1985 से 1988 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे।
1989 में वीर बहादुर सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र फतेह बहादुर सिंह को कांग्रेस ने पनियरा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन वह हार गए। 1991 में जनता दल के परशुराम मिश्रा को हराकर फतेह बहादुर सिंह पनियरा विधानसभा सीट से पहली बार विधानसभा पहुंचे। 1996 में बसपा-कांग्रेस गठबंधन से फतेह बहादुर सिंह विजयी हुए। इसके बाद से ही कांग्रेस को इस सीट पर सफलता नहीं मिली।
मृदुल और सहज स्वभाव के धनी शरदेंदु पांडेय मूल रुप से सदर ब्लॉक के ग्राम चौपरिया के निवासी हैं। पारिवारिक सदस्यों के लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहने के कारण इनका पार्टी से पुराना नाता है। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव भी हैं तथा पार्टी के कार्यक्रमो में बढ़-चढ़ कर सहभागिता भी निभाते हैं। परतावल क्षेत्र में भी उनकी छावनी है।