शिमाल॥ राजधानी शिमला के IGMC अस्पताल में वेबस अवस्था में मिले 85 वर्षीय बुजुर्ग को उसके परिवार से मिलवाने के लिए शिमला पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी फरिश्ता बन गए। इन्होंने बीते चार दिन से लापता बुजुर्ग को जहां उसके घर पहुंचाया, वहीं बुजुर्ग की आंखों के ऑपरेशन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी वायदा किया।
दरअसल शिमला पुलिस को बीते 12 अप्रैल को मीडिया के माध्यम से सूचना मिली कि आंखों की रोशनी खो चुका एक बुजुर्ग IGMC अस्पताल में लाचार अवस्था में रहने को मजबूर है, जहां उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक बुजुर्ग को उनके परिजनों ने अस्पताल में लावारिश हालत में छोड़ रखा है। ऐसे में शिमला पुलिस ने इस बुजुर्ग की मदद करने की ठानी और इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए बुजुर्ग को IGMC अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां उसका उपचार हुआ।
इस बीच पुलिस ने बुजुर्ग से जानकारी हासिल करनी चाही लेकिन बुजुर्ग अपने बारे कुछ नहीं बता पाया। पुलिस ने बुजुर्ग के पास से मिले एक दस्तावेज से पता लगाया कि उसका नाम तेलू राम है और वह हिमाचल के कुल्लू जिला के गांव चौकी डोबी का रहने वाला है। शिमला पुलिस ने तत्काल कुल्लू पुलिस से संपर्क साधकर बुजुर्ग के परिवार के बारे में जानकारी हासिल की।
शिमला पहुंचने पर तेलू राम ने IGMC में शरण ली। यहां पिछले चार दिनों से वह लावारिश हालत में रह रहा था। बुजुर्ग को मदद करने के शिमला की लक्कड़ बाज़ार पुलिस चौकी के प्रयास रंग लाये और कुल्लू से बुजुर्ग की बहू व दामाद उनको लेने मंगलवार को IGMC पहुंचे। कुल्लू पुलिस का एक कांस्टेबल उन्हें साथ लेकर आया। शिमला पुलिस ने उक्त बुजुर्ग को परिजनों के हवाले किया और उनसे बुजुर्ग का पूरा ध्यान रखने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि शिमला पुलिस ने इस बुजुर्ग की आंखों का IGMC में चेकअप करवाया और उसके परिजनों से वायदा किया कि तेलू राम के आँखों के ऑपरेशन के लिए पुलिस की तरफ से हर सम्भव आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई जाएगी।