ओली को झटका- नेपाल में सुप्रीम कोर्ट ने 20 मंत्रियों की नियुक्ति रद्द की

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काठमांडू॥ नेपाल में सियासी संकट के मध्य स्थानीय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पीएम केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल के 20 मंत्रियों को अंसवैधानिक करार देते हुए उनकी नियुक्ति रद्द कर सरकार को झटका दे दिया है। नेपाल में मंगलवार को सियासी संकट और गहराने के बाद सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला देश की राजनीति में बेहद चौंकाने वाला लग रहा है।

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खबर के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा और जस्टिस प्रकाश कुमार धुंगाना की खंडपीठ ने कहा कि सदन को भंग किए जाने के बाद कैबिनेट विस्तार असंवैधानिक है, इसलिए मंत्री अपना कर्तव्य निर्वहन नहीं कर सकते। फैसले के बाद पद गंवाने वालों में दो उप पीएम जनता समाजवादी पार्टी के राजेंद्र महतो और ओली की सीपीएन-यूएमएल के रघुबीर महासेठ शामिल हैं। महासेठ विदेश मंत्री भी थे।

आदेश के साथ ओली कैबिनेट में पीएम सहित पांच मंत्री बचे हैं। जिसमें उप पीएम और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल, शिक्षा मंत्री कृष्ण गोपाल श्रेष्ठ, विनिर्माण मंत्री बसंत नेम्बांग और कानून मंत्री लीलानाथ श्रेष्ठ शामिल हैं। अदालत ने सात जून को वरिष्ठ वकील दिनेश त्रिपाठी सहित छह व्यक्तियों की तरफ से दायर याचिकाओं पर फैसला दिया।

वरिष्ठ वकील त्रिपाठी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर सदन भंग होने के बाद मंत्रियों को काम करने की अनुमति नहीं दी है।

याचिकाकर्ताओं ने SC में कहा था कि चूंकि चुनावों की घोषणा के बाद सरकार कार्यवाहक स्थिति में रह गई है इसलिए संविधान ऐसे पीएम को नए मंत्रियों की नियुक्ति की इजाजत नहीं देता है।

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