शोपियां एनकाउंटर को लेकर बड़ा खुलासा, सेना की जाँच में सामने आयी ये बात

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नई दिल्ली, 18 सितम्बर यूपी किरण। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपोरा में 18 जुलाई को हुई मुठभेड़ को सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में गलत ठहराया गया है। सेना को ‘प्रथम दृष्टया’ साक्ष्य मिले हैं कि जवानों ने शोपियां ‘फर्जी मुठभेड़’ में अफस्पा के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया। इसके अलावा सेना प्रमुख और सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशों का भी उल्लंघन हुआ है।
             
 सेना ने माना है कि अमशीपोरा मुठभेड़ में मारे गए तीनों कथित आतंकी राजौरी के लापता श्रमिक थे। इसलिए मुठभेड़ में शामिल सैनिकों के खिलाफ आर्मी एक्ट  के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू किये जाने के आदेश दिए गए हैं। मुठभेड़ में मारे गये तीनों युवकों के दफनाये गये शवों और इनके परिवार वालों के डीएनए नमूने लिये गये हैं लेकिन अभी रिपोर्ट का इन्तजार है।     
 

सेना की राष्ट्रीय रायफल्स (आरआर) की ’62 यूनिट’ ने शोपियां जिले के अमशीपोरा में 18 जुलाई को एक मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकियों को ढेर किये जाने का दावा किया था। यूनिट का कहना था कि अमशीपोरा के एक घर में 4-5 आतंकी छिपे होने का इनपुट मिला था। इसी आधार पर आरआर यूनिट ने वहां सर्च ऑपरेशन किया तो इसी दौरान आतंकियों ने एके-47 से उन पर जबरदस्त फायरिंग की थी।

 इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के टुकड़ियां भी एनकाउंटर-स्थल पर पहुंच गई थीं। घर में दाखिल होते वक्त भी उन पर पिस्टल से फायर हुआ था। सेना की जवाबी कार्रवाई में घर में मौजूद तीनों ‘आतंकी’ मारे गए थे। मारे गए आतंकियों के पास‌ से सुरक्षाबलों को दो पिस्टल भी बरामद हुए थे। एनकाउंटर के बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी भी की थी लेकिन सीआरपीएफ और पुलिस ने मिलकर भीड़ को तितर-बितर कर दिया था। इस एनकाउंटर में मारे गये तीनों लोगों की पहचान सेना ने नहीं बताई थी और तीनों शवों को चुपचाप दफना भी दिया था। 
 
इसी बीच पुंछ में राजौरी इलाके के कोटरांका में धार सकरी गांव के तीन युवकों इम्तियाज अहमद (26), इबरार अहमद (18) और इबरार अहमद (21) के परिजनों ने उनके लापता होने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इनके परिवारों ने पुलिस को बताया कि तीनों युवकों से आखिरी बार 16 जुलाई को बात हुई थी। ये तीनों युवक मुख्य रूप से सेब और अखरोट के कारोबार से जुड़े थे।
सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में ‘प्रथम दृष्टया’ साक्ष्य मिले हैं कि जवानों ने शोपियां ‘फर्जी मुठभेड़’ में अफस्पा के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया। इस अभियान में शामिल सैन्य अधिकारियों ने किसी भी सैन्य अभियान के लिए सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित सेना प्रमुख की निर्देशावाली का भी उल्लंघन किया है। नतीजतन, सक्षम अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने प्रथम दृष्टया जवाबदेह पाए जाने वालों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है।
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