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जूनागढ़ हिंसा पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि हम पर जुल्म होगा और हम ही जालिम कहलाएंगे। उन्होंने कहा कि हमको ही मारा जाएगा और हम पर ही मुकदमे चलेंगे।

दरअसल अवैध तरीके से स्थापित की गई मजार को हटाने गई पुलिस की टीम पर हमला किया गया। कई आलाधिकारी पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। लेकिन असद्दुद्दीन ओवैसी जो पैरवी कर रहे हैं वो इस बात की पैरवी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम पर जुल्म हो रहा है हमें ही जालिम कह रहे हैं। सवाल इस बात को लेकर कि क्या सदुद्दीन ओवैसी कौन पुलिसकर्मियों की चोट नहीं दिखती,जो वहाँ पर आपने ड्यूटी निभाने गए थे और उन पर हमला कर दिया गया। क्योंकि बताया जाता है की छह सौ से सात सौ लोगों ने इकट्ठा होकर पुलिस की टीम पर हमला किया था।

थाने तक पर तोड़फोड़ की गई थी। दरअसल जूनागढ़ में नगरपालिका ने अवैध निर्माण को लेकर पहले ही नोटिस दे दिया था कि अवैध निर्माण पर कारवाई की जाएगी। बीच सड़क पर अवैध मजार को लेकर ये नोटिस दिया गया था।

बीच सड़क पर दरअसल अवैध तरीके से मजार बना दी गई थी। नोटिस देकर स्थानीय लोग भड़क उठे और उसके बाद उन्होंने थाने का घेराव कर दिया। थाने का घेराव तो क्या ही क्या पाँच सौ से छह सौ लोग हिंसक हो गए और इस भीड़ ने थाने को पूरी तरह से घेर लिया। उसके बाद कई जगह तोड फोड भी की गई।

आपको बता दें कि पुलिस से बातचीत के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गए। अब सवाल यह था कि जब बातचीत हो रही थी तो उसमें पथराव की क्या जरूरत थी। पत्थरबाजी में समेत चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट करवाया गया। अब हिंसा के बाद पुलिस ने एक सौ चौहत्तर उपद्रवियों को पकड लिया और उनके विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।

 

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