नई दिल्ली। कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर असर को देखते हुए मांग बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई सारे ऐलान किए हैं। वित्त मंत्री ने सोमवार को यहां आयोजित एक प्रेस-कांफ्रेंस में सरकारी कर्मचारियों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। सीतारमण ने कहा कि मांग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उपभोक्ता खर्च और पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए उपाय कर रही है। इसी के तहत सरकार एलटीसी कैश वाउचर्स स्कीम और केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फेस्टिवल एडवांस स्कीम लेकर आई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए कुल चार घोषणाएं किए हैं, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के एलटीसी के बदले कैश वाउचर्स, केंद्रीय कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस के तौर पर 10 हजार रुपये देना, राज्य सरकारों को 50 साल तक के लिए बिना ब्याज के कर्ज मुहैया कराना और बजट में तय पूंजीगत व्यय के अलावा केंद्र द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास आदि पर 25 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करना शामिल है।
सीतारमण ने कहा कि इन सारे कदमों से अर्थव्यवस्था में 31 मार्च 2021 तक करीब 73 हजार करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी। उन्होंने कहा कि अगर निजी क्षेत्र ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी तो इससे अर्थव्यवसथा में कुल मांग बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये के पार हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ी है। इसके अलावा आपूर्ति की बाधा को कम किया गया है। इन योजनाओं से भी अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि यात्रा अवकाश भत्ते (एलटीसी) का कैश वाउचर्स स्कीम केंद्र सरकार लेकर आई है। इसके तहत सरकारी कर्मचारी को नकद वाउचर मिलेगा, जिससे वो खर्च कर सकेंगे। इससे अर्थव्यवस्था में बढ़त होगी और इसका लाभ पीएसयू और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि एलटीसी के बदले नकद भुगतान करना होगा, जो कि डिजिटल होगा।
यह स्कीम 2018-21 के लिए होगी जिसके तहत ट्रेन या प्लेन के किराये का भुगतान होगा और वह टैक्स फ्री होगा। इसके लिए कर्मचारी का किराया और अन्य खर्च तीन गुना होना चाहिए। इसी तरह सामान या सेवाएं जीएसटी रजिस्टर्ड वेंडर से लेना होगा और भुगतान डिजिटल होना चाहिए। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे केंद्र और राज्य कर्मचारियों के खर्च के द्वारा करीब 28 हजार करोड़ रुपये की मांग अर्थव्यवस्था में पैदा होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि फेस्टिवल एडवांस स्कीम को फिर एक बार सिर्फ इसी साल के लिए शुरू किया जा रहा है। इसके तहत 10 हजार रुपये का एडवांस सभी तरह के कर्मचारियों को मिलेगा, जिसे वे 10 किस्त में जमा कर सकते हैं। यह स्कीम 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध रहेगा, जिसे प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि पूंजीगत बढ़ाने का अर्थव्यवस्था पर कई गुना असर होता है। इसका न सिर्फ मौजूदा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), बल्कि आगे की जीडीपी पर भी असर होता है! 50 साल का ब्याज रहित लोन राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इसका तीन हिस्सा होगा। इसमें 2500 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर के राज्यों, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को को दिया जाएगा। इसके बाद 7500 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक दिया जाएगा। इसमें तीसरा 2,000 करोड़ रुपये का हिस्सा उन राज्यों को मिलेगा जो कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ऐलान चार में से कम से कम 3 सुधार लागू करेंगे। यह पूरा लोन 31 मार्च 2021 से पहले दिया जाएगा। यह राज्यों को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा।
सीतारमण ने कहा कि इस साल बजट में तय केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय के अलावा सरकार अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये देगी। यह खासक सड़क, डिफेंस संबंधी बुनियादी ढांचा, जलापूर्ति, शहरी विकास, डिफेंस के देस में बने कैपिटल इक्विपमेंट के लिए होगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हाल में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई अच्छे संकेत सामने आए हैं। मैन्युफैक्चरिंग का आंकड़ा देने वाले पीएमआई में सुधार हुआ है, सर्विस सेक्टर के पीएमआई में भी सुधार हुआ है, बिजली की खपत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी केंद्र सरकार ने करीब 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था।