नई दिल्ली। आज हम बात करेगें आवारा कुत्तो के बारे में आपको बतादें की वैसे तो देशभर में लोग आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक से परेशान हैं। आए दिन ऐसे ढेरों मामले सामने आ रहे हैं जिनमें कुत्ते लोगों पर हमला कर देते हैं। कई मामलों में तो इंसानों की मौत तक हो चुकी है। प्रशासन भी कुत्तों की बढ़ती संख्या को काबू करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
विशषज्ञों के मुताबिक कुत्तों के स्वभाव को जानने के लिए तथ्य जुटाए तो कई दिलचस्प बातें सामने निकलकर आई हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (कोलकाता) के साथ काम कर रही अनिंदिता भद्रा ने बताया कि कुत्तों के स्वभाव बदलने के कई कारण हैं।
उनका कहना है कि कुत्तों का स्वभाव स्थान, समय और परिस्थिति के हिसाब से बदलते हैं। अनिंदिता भद्रा ने बताया कि हमने आवारा और पालतू कुत्तों के स्वभाव को लेकर रिसर्च की है। पहला तो यह कि आवारा कुत्तों की तुलना में पालतू कुत्तों की परवरिश अलग तरह से होती है, जिसका असर उनके स्वभाव पर भी दिखाई देता है। फ्रंटियर्स इन इकोलॉजी एंड एवोल्युशन जर्नल में छपी अपनी रिपोर्ट में अनिंदिता भद्रा ने बताया है कि आवारा कुत्तों का सामना हर दिन कई इंसानों और जानवरों से होता है।
आमतौर पर कुत्ते अपने इलाकों में रहते हैं और उनके आसपास रहने वाले इंसानों से पहचान बना लेते हैं। उन्होंने बताया कि हमने पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जगहों के 120 कुत्तों पर रिसर्च की। इसमें हमने देखा कि जिन कुत्तों को हमने खाना दिया और दोस्ती भरा व्यवहार किया तो उनके स्वभाव में भी बदलाव आया।
कुत्ते पूंछ हिलाने लगे और एकटक देखने लगे। वहीं, रिसर्चर्स ने जब कुछ कुत्तों को संदिग्ध लहजे में खाना दिया तो कुछ कुत्तों ने खाना नहीं खाया और घूरने लगे। जबकि कुछ कुत्तों ने तेजी से खाना खाया और इंसानों के प्रति कोई दोस्ती नहीं दिखाई। कुछ दिन बाद जब रिसर्चर्स दोबा।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (कोलकाता) की अनिंदिता भद्रा बताया कि हमने देखा है कि शहरी इलाकों में कुत्ते उन जगहों पर हिंसक हो जाते हैं जहां पर उन्हें खाना कम मिलता है और कुत्तों की संख्या अधिक हो जाती है।