एम्स में इस फंगस स्ट्रेन से इतने मरीजों की हुई मौत, भारत में इस तरह का पहला मामला

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नई दिल्ली, 23 नवंबर| क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित दो मरीजों की हाल ही में एम्स में इलाज के दौरान एस्परगिलस लेंटुलस नामक दवा प्रतिरोधी रोगजनक की उपस्थिति के कारण मौत हो गई।

आपको बता दें कि दोनों रोगी – 50 में से एक और 40 के दशक में अन्य – क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित थे। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी (आईजेएमएम) में प्रकाशित एक केस रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। पहले मरीज को निजी अस्पताल से रेफर किया गया, जबकि दूसरे मरीज को बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने पर एम्स की इमरजेंसी में रेफर किया गया।

वहीँ आईजेएमएम की रिपोर्ट के अनुसार, मरीजों को एम्स में एम्फोटेरिसिन बी और वोरिकोनाज़ोल के मौखिक इंजेक्शन मिले। दोनों मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई।रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पहले मरीज की क्लीनिकल कंडीशन में एक महीने से ज्यादा समय तक कोई सुधार नहीं हुआ और फंगल इंफेक्शन से उसकी मौत हो गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे मरीज को एम्फोटेरिसिन बी भी दिया गया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और एक हफ्ते तक मल्टीपल ऑर्गन फेल होने के बाद उसकी मौत हो गई।JMM रिपोर्ट को रेखांकित करते हुए, “जहां तक ​​​​हम जानते हैं, एस्परगिलस लेंटुलस के कारण सीओपीडी रोगी में इनवेसिव पल्मोनरी एस्परगिलोसिस के मामले पर यह भारत की पहली रिपोर्ट है।”

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