mukhtar-abbas-naqvi। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस्तीफा दे दिया है। बात दे कि वे मोदी मंत्रिमंडल मे अल्पसंख्यक मामलों का विभाग संभाल रहे थे। नकवी ने बुधवार, 6 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद इस्तीफा देने का बड़ा फैसला लिया। नकवी आज अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में शामिल हुए।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में पीएम मोदी ने मंत्री के तौर पर नकवी के योगदान की तारीफ की।
जिसको लेकर उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी राज्यसभा के सदस्य थे। उनका कार्यकाल गुरुवार, 7 जुलाई को खत्म हो रहा है।
नकवी को इस बार बीजेपी ने राज्यसभा नहीं भेजा। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। मोदी सरकार में नकवी के अलावा जदयू कोटे से मंत्री आरसीपी सिंह का भी राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल 7 जुलाई को ही खत्म हो रहा है।
नकवी पहली बार 1998 में लोकसभा का चुनाव जीते और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए। उसके बाद वे 26 मई 2014 को मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने।
12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला के इस्तीफे के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद 30 मई 2019 को वे मोदी कैबिनेट में फिर शामिल हुए। इस बार भी उन्हें अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय सौंपा गया।
मोदी सरकार में मुस्लिम चेहरे के तौर पर शामिल मुख्तार अब्बास नकवी 2010 से 2016 तक यूपी से राज्यसभा सदस्य रहे। फिर साल 2016 में झारखंड से राज्यसभा सदस्य चुने गए। बीजेपी ने झारखंड से राज्यसभा के लिए इस बार नकवी की जगह आदित्य साहू को उम्मीदवार बनाया। झारखंड से पत्ता कटने के बाद माना जा रहा था कि नकवी को किसी दूसरे राज्य से बीजेपी प्रत्याशी बना सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।