…तो ये है बेरोजगारी की असली वजह, सरकारी आंकड़े की खुली पोल, जानकर हैरान रह जाएंगे आप!

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नई दिल्ली। देश में आर्थिक समस्या को लेकर एक से बड़के एक पढ़े लिखे डिग्री धारी सरकारी महकमा आज सवालों के लाल घेरे में आ खड़ा हुआ है। जी हां आपको बतादें की देश में आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी की खबरों के बीच केंद्र सरकार के ही आंकड़े ने उसे सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।

 

दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत के तहत विभिन्न राज्यों में सृजित नौकरियों का आंकड़ा पेश किया है। इस आंकड़े ने सरकार ने उन दावों पर सवाल खड़े कर दिये हैं, जिनमें देश में बेरोजगारी की बात को लगभग नकार दिया गया है।

सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 में 31 अक्टूबर तक देशभर में सिर्फ 2,11,840 लोगों को ही नौकरी मिल पाई है। त्रिपुरा, केरल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना और पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात की स्थिति सबसे खराब है।

kfvk6b58 पीएमईजीपी के तहत राज्यवार मिली नौकरियों की संख्या प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 31 अक्टूबर तक त्रिपुरा में एक भी शख़्स को नौकरी नहीं मिली। तो वहीं, केरल में सिर्फ 72, जम्मू-कश्मीर में 216, गुजरात में 264, तेलंगाना में 256, राजस्थान में 312 और दिल्ली में कुल 368 लोगों को ही नौकरी मिल पाई। इसी तरह पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ और लक्षद्वीप में भी स्थिति कुछ अच्छी नहीं है। इन राज्यों में भी पीएमईजीपी के तहत नौकरी पाने वालों की संख्या 500 से 2000 के अंदर ही है।

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