तो क्या पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मौत संदिग्ध थी, जानिए क्यों उठे सवाल

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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सत्तापक्ष और विपक्ष लगातार एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। इस बीच जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मौत की जांच की मांग की है। हम ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है और कहा है कि रामविलास पासवान के निधन की जांच हो।

ram vilash paswan

उन्होंने पत्र में लोजपा प्रमुख और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान पर बड़ा आरोप लगाते हुए रामविलास पासवान की मौत में उनकी संलप्तिता की जांच की मांग की है। हम प्रवक्ता डाॅ. दानिश रिजवान ने पत्र में लिखा है कि देश के बड़े दलित नेता एवं आपके मंत्रिमंडल के सदस्य रहे रामविलास पासवान का कुछ दिन पूर्व निधन हो गया था। पत्र में आरोप लगाया गया है कि लोजपा प्रमुख चिराग पासवान उनके अंतिम संस्कार के दूसरे दिन ही एक शूटिंग के दौरान न केवल हंसते-मुस्कुराते दिखाई दिए, बल्कि कट-टू-कट शूटिंग की भी बात करते रहे।

यहां उठे सवाल

उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान से जुड़े कई ऐसे सवाल हैं जो अपने आप में चिराग पासवान को कटघरे में खड़ा करते हैंं।  हम प्रवक्ता ने यहां तक पत्र में लिखा है कि केंद्रीय मंत्री के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने स्व. रामविलास पासवान का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया। अस्पताल प्रशासन से सिर्फ तीन ही लोगों को रामविलास पासवान से मिलने की इजाजत क्यों थी। इससे जुड़े कई ऐसे सवाल हैं जो लोग जानना चाहते हैं। इसलिए हम पार्टी ने पत्र लिखकर पीएम मोदी से रामविलास पासवान के निधन की न्यायिक जांच की मांग की है।

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