Social Justice: किन्नरों व पशु-पेड़ों की गणना होती है तो अगड़ों और पिछड़ों की क्यो नहीं – लौटन राम निषाद

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दीदारगंज/आजमगढ़। समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौ. लौटन राम निषाद ने केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार पर पिछड़ों-दलितों को सामाजिक न्याय (Social Justice) से वंचित करने का आरोप लगाया है।Chaudhary lautan ram nishad -Social Justice

उन्होंने कहा कि जव से केन्द्र व उ.प्र.में भाजपा की सरकार बनी है, पिछड़े- दलित वर्ग के आरक्षण पर कुठाराघात किया जा रहा है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने को पिछड़ी जाति का बताते हैं। यदि वे पिछड़ी जाति के हैं तो ओबी०सी० की जनगणना उजागर कर ओबीसी को सभी स्तरों पर जनसंख्यानुपाती आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन क्यों नहीं करा रहे? (Social justice)

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उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सवर्ण जातियों को 72 घण्टे के अन्दर संविधान व उच्चतम न्यायालय के निर्णय के परे जाते हुए जब 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया तो मण्डल कमीशन के तहत 52 प्रतिशत व उ०प्र० की सामाजिक न्याय समिति-2001 के अनुसार अन्य पिछड़े वर्ग की संख्या 54 प्रतिशत स्वीकार की गयी है तो ओ०वी०सी० को 27 प्रतिशत ही आरक्षण क्यों? (Social justice)

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उन्होंने कहा कि एससी,एसटी की भाँति ओबीसी को जनसंख्यानुपाती आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन कराया जाय। उन्होंने कहा कि हर सेन्सस में एससी, एसटी, धार्मिक अल्पसंख्यक, ट्रान्स जेण्डर की जनगणना होती है। यहां तक की सरकार पेड़ व पशुओं की गणना कराती है। जब पेड़ पशुओं व किन्नरों की जनगणना करायी जाती है, तो अगड़ो और पिछड़ों की क्यों नहीं? (Social justice)

निषाद ने दीदारगंज विधानसभा क्षेत्र के आमगॉंव चकवां, फुलेश,मार्टीनगंज, महजा,चिकसावां,भादो,कुशवा,पकरोल, जैगहां में आयोजित चौपालों को सम्बोधित करते हुए कहा कि  केन्द्र सरकार सेन्सस– 2011 के अनुसार एस०सी०, एस०टी० धार्मिक अल्पसंख्यक (जैन, बौद्ध, पारसी, मुस्लिम, सिख, इसाई, रेसलर आदि) के साथ-साथ ट्रान्सजेन्डर व दिव्याग की जनगणना उजागर कर दी गयी। लेकिन ओ०बी०सी० की जनगणना को घोषित नहीं किया गया। (Social justice)

उन्होंने कार्यपालिका के साथ-साथ विधायिका, न्याय पालिका, पदोन्नति एवं निजी क्षेत्र के उपक्रमों, संस्थानों व केन्द्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को आरक्षण देने तथा ओबीसी आरक्षण को 9 वीं अनुसूची में दर्ज करने की मांग किया।(Social justice)

चौधरी निषाद ने केन्द्र सरकार से सेन्सस-2021 में ओबीसी की जातिगत जनगणना करने, कोलेजियम सिस्टम खत्म कर उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों का चयन संघ लोक सेवा आयोग व लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा के पैटर्न पर राष्ट्रीय न्यायिक सेवा आयोग के माध्यम से कराने की मांग किया है।(Social justice)

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