प्रदोष का व्रत (Som Pradosh Vrat Katha) विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन को समर्पित है। इस दिन शिव भक्त निष्ठा पूर्वक भगवान शिव का व्रत रखते हैं और पूजन करते हैं। अश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत 04 अक्टूबर को पड़ रहा है। प्रदोष व्रत के दिन सोमवार को होने के कारण सोम प्रदोष का संयोग बन रहा है। सोम प्रदोष का व्रत सभी प्रदोष व्रत में विशिष्ट स्थान रखता है। एक साथ शिवरात्रि और सोम प्रदोष का संयोग भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बहुत शुभ है। तो आइए जानते हैं इस दिन भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के कुछ विशेष उपायों के बारे में…..
1-सोम प्रदोष के दिन विधिपूर्वक व्रत रखते हुए प्रदोष काल में भगवान शिव और पार्वती का पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
3- यदि विवाह में बाधा आ रही हो तो सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat Katha) के दिन शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाना चाहिए, शीघ्र ही विवाह के संयोग बनेंगे।
4- सोम प्रदोष के दिन दूध में गुड़ मिला कर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से धन लाभ के अवसर पैदा होते हैं।
5- अगर आप लंबे समय से किसी रोग या बीमारी से पीड़ित हैं तो सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat Katha) के दिन महामृत्युंजय मंत्र का रूद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें। जल्द ही रोग में सुधार होने लगेगा।
6- सोम प्रदोष के दिन 21 बेल पत्रों पर चंदन से ऊँ नम: शिवाय मंत्र लिख कर भगवान शिव को अर्पित करें, आपके सभी कष्ट दूर होंगे और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।
7- सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat Katha) के दिन बैल को हरी घास का चारा खिलाने से घर में सुख- समृद्धि का आगमन होता है।
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