शनिदेव (Shani Dev) को न्याय का देवता कहा जाता है। ये एक साथ 5 राशियों को प्रभावित करते हैं। इनमें से 3 राशि के जातकों पर शनि साढ़े साती चलती है तो 2 पर ढैय्या। शनि साढ़े साती की अवधि पूरे साढ़े 7 साल तक होती है जबकि ढैय्या की अवधि ढाई साल तक होती है। शनि की दोनों ही महादशा का इंसान के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। मौजूदा समय में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं लेकिन आने वाले 29 अप्रैल को वह कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे। आइयें जानते हैं शनि के राशि परिवर्तित करने से किस राशि के जातक को शनि की महादशा से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि देव (Shani Dev) 29 अप्रैल से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में ये 29 मार्च 2025 तक रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो शनि किसी भी राशि में ढाई साल तक गोचर करते हैं। साल 2022 में शनि के स्थान बदलते ही धनु राशि के जातकों को शनि साढ़े साती से छुटकारा मिल जायेगा। वहीं गुरु ग्रह की राशि मीन राशि पर शनि की महादशा शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही मिथुन और तुला राशि वालों को शनि की ढैय्या से निजात मिल जाएगी। वहीं कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की देश चलने लगेगी।
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक शनि (Shani Dev) साढ़े साती के तीन चरण होते हैं जिसमें पहला चरण उदय चरण कहलाता है। इस चरण में शनि देव जातक को मानसिक और आर्थिक कष्ट देते हैं। दूसरा चरण शिखर चरण के नाम से जाना जाता है। इस चरण में शनि देव जातक को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट पहुंचाते हैं। शनि की साढ़े साती का यही चरण सबसे कष्टदायी माना जाता है। इसका तीसरा और आखिरी चरण जिसे अस्त चरण कहते हैं। इस चरण में शनि देव व्यक्ति को उसकी भूल सुधारने का मौका देते है। इस चरण में इंसान अपनी गलतियों को सुधारकर सही दिशा में आगे बढ़ने लगता है।
Shani Dev: साल 2022 में इन राशि वालों को शनिदेव नहीं करेंगे परेशान, हर काम में मिलेगी सफलता