लखनऊ। कानपुर नगर के बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों की नृशंस हत्या के आरोपी विकास दुबे के एनकाउण्टर (Vikas Dubey’s encounter) के साथ उन सभी सबूतों, साक्ष्यों का भी एनकाउण्टर हो गया है, जिससे अपराधियों, पुलिस और सत्ता में बैठे उसके संरक्षकों के चेहरे बेनकाब होतें। यह घटनाक्रम उन सभी को बचाने की कोशिश भी है जो उसके मददगार रहे हैं। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) ने कही।
SP President Akhilesh Yadav ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार विकास दुबे की पांच वर्ष की सीडीआर जारी करे और पूरे प्रकरण (Vikas Dubey’s encounter) की सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराई जाए। भाजपा सरकार की चालाकी देर तक ढकी नहीं रह सकती है। बिकरू काण्ड में नए मोड़ से संदेह का घेरा चौड़ा होता जा रहा है। लगता है पुलिस की गाड़ी, जिसमें उज्जैन से विकास दुबे को कानपुर लाया जा रहा था, नहीं पल्टी बल्कि एनकाउण्टर की वजह से कई राज खुलने से भाजपा सरकार पलटने से बच गई है। विकास के भाजपा से सम्बंध थे और सत्ता के संरक्षण में ही वह अपराध की सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ता चला गया था।
अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज हो और लोगों को न्याय मिले यह राज्य के मुख्यमंत्री जी का संवैधानिक दायित्व है। लेकिन यहां तो फर्जी एनकाउण्टर (Vikas Dubey’s encounter) और फर्जी मुकदमें कायम करने में ही सरकार लगी रही है। हिरासत में मौतें होने की कई घटनाएं सामने आने पर मानवाधिकार आयोग राज्य सरकार को नोटिस पर नोटिस देती रही है। तीन साल से ज्यादा समय से प्रदेश में भाजपा की सरकार है। इसके मुख्यमंत्री की ठोकों नीति का यह असर दिख रहा है, पता ही नहीं चलता है कि कौन किसको ठोक रहा है।