इस बार चुनावी रणक्षेत्र में ‘चाणक्य का सियासी दांव’ देखने को नहीं मिल रहा है। जिससे राजनीति पंडितों में बेचैनी छाई हुई है। आज बात होगी भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य और गृहमंत्री अमित शाह की। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश के उपचुनाव में पूरी तरह मौन नजर आ रहे हैं।
अब आपको लगभग साढ़े छह वर्ष पहले लिए चलते हैं । बात है वर्ष 2014 की । देश में जब लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव में रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी, जिससे पार्टी लगातार मजबूत होती गई। उसके बाद कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी अमित शाह का दिमाग सियासी बाजार में खूब रफ्तार के साथ दौड़ने लगा।
बिहार चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले लोक जनशक्ति पार्टी के एनडीए से अलग होने पर भी अमित शाह का कोई भी बयान नहीं आया। चिराग पासवान के बयानों पर अमित शाह ने कोई अपनी प्रक्रिया भी नहीं दी । बता दें कि नवरात्रि के दिनों में गृहमंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने के लिए पश्चिम बंगाल जाने वाले थे लेकिन ऐनमौके पर उन्होंने वहां का दौरा भी टाल दिया । पिछले दिनों अमित शाह अपने गृह राज्य गुजरात के दौरे पर जरूर गए थे। लेकिन वहां भी शाह ने बिहार चुनाव को लेकर भी चुप्पी साध रखी।
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections), एमपी का उप-चुनाव साथ ही राज्यसभा की 11 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को मोर्चा संभालना पड़ रहा है । अमित शाह के अचानक चुनावी मैदान से गायब हो जाने पर जेपी नड्डा ने अभी तक बिहार और पश्चिम बंगाल में कई दौरे कर चुनावी रैली कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 23 अक्टूबर को बिहार में तीन रैली कर पार्टी के पक्ष में लहर बनाने की कोशिश की । गृहमत्री और पार्टी के चाणक्य का इस बार चुनावी मैदान में ताल न ठोकने का बड़ा कारण उनका स्वास्थ्य माना जा रहा है । अगस्त माह में वह कोरोना संक्रमित होने के बाद पहले गुड़गांव के मेदांता फिर उसके बाद दिल्ली के एम्स में दो बार भर्ती हुए थे ।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बिहार में जाकर चुनावी जनसभा को संबोधित किया था । अब एक बार फिर दोनों गरजने के लिए तैयार हैं । 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार में एक ही दिन अलग-अलग चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। बुधवार को ही बिहार में 71 विधानसभा सीटों पर पहले चरण के लिए मतदान होना है। इससे पहले 23 अक्टूबर को दोनों नेताओं ने बिहार में एक ही दिन चुनावी सभाएं की थी।
अब एक बार फिर बुधवार को पीएम मोदी तीन तो राहुल गांधी दो चुनाव सभाओं को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी अपनी पहली रैली दरभंगा में, दूसरी मुजफ्फरपुर और तीसरी रैली राजधानी पटना में करेंगे। दूसरी ओर राहुल गांधी पहली रैली वाल्मीकि नगर में होगी और दूसरी दरभंगा में करेंगे । यहां बता दें कि 23 अक्टूबर को देश के दोनों नेताओं ने भागलपुर में एक ही दिन में चुनावी सभा की थी। प्रधानमंत्री ने पहली रैली सासाराम में तो गया में दूसरी और भागलपुर में तीसरी रैली की थी। उधर राहुल गांधी ने नालंदा के हिसुआ और भागलपुर के कहलगांव में दो सभाएं की थी। बिहार चुनाव में अमित शाह का अभी तक प्रचार के लिए न पहुंचना सियासी क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है ।