विश्व एड्स दिवस पर विशेष: एड्स से बचाव ही एक मात्र उपचार- डाॅ. त्रिपाठी

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महराजगंज ॥ एड्स एक गंभीर बीमारी है। इससे बचाव ही एक मात्र उपचार है। पिछले कुछ सालों से वैज्ञानिकों द्वारा बीमारी का इलाज ढूँढने की कोशिश की जा रही है। शोध में उन्हें बड़े स्तर पर सफलता भी मिली है, लेकिन पूर्ण रूप से अभी भी इसे समाप्त करने में असमर्थ हैं। इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर साल पहली दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Dr. tripathi

जिला संयुक्त चिकित्सालय परिसर में स्थित एआरटी(एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट) सेंटर के प्रभारी डाॅ.एवी त्रिपाठी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी का पहला केस 1981 में सामने आया। जिसे 1982 में एड्स का नाम मिला। उन्होंने बताया कि एड्स (एक्वायर्ड इम्युनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम) एक वायरस के कारण होता है। जिसे एचआईवी( ह्यूमन इम्युनो डिफिशियेंसी) कहा जाता है। इस बीमारी के दुष्परिणामों को देखते हुए समाज में एचआईवी संक्रमित लोगों से भेदभाव की बात सामने आती है।

ऐसे में लोगों को समझने की जरूरत है कि एड्स संक्रमित व्यक्ति के साथ उठने-बैठने और खाने पीने से नहीं फैलता, बल्कि यह संक्रमित व्यक्ति के रक्त से संपर्क में आने या यौन संबंध बनाने से फैलता है।

वैसे इस गंभीर बीमारी के रोकने के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। जगह-जगह आईसीटीसी ( इंट्रीगेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) की स्थापना करके एचआईवी ग्रसित लोगों की पहचान की जा रही है। संक्रमितों को आवश्यक दवाएं एआरटी सेंटर से दी जा रही है। इन दवाओं से संक्रमित व्यक्ति के अंदर वायरल लोड कम हो जाता है, जिससे अन्य व्यक्ति को संक्रमित करने की क्षमता नही के बराबर हो जाती है। इससे बचने के लिए लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमण के कुछ ही हफ्तों के अंदर बुखार, गले में खराश और थकान, फ्लू के लक्षण दिख सकते हैं। एड्स के लक्षणों में वजन घटना, बुखार होना तथा बार-बार संक्रमण होना शामिल है।

जिले में पंजीकृत हैं 2557 एड्स रोगी

एआरटी सेंटर के प्रभारी ने बताया कि जिले में कुल 2557 एड्स रोगी पंजीकृत हैं। इनमें से 1850 लोगों का इलाज चल रहा है। शेष गैर जनपद या दूसरे प्रदेश में चले गए हैं।

एड्स मरीजों की वर्षवार स्थिति:

वर्ष———-पंजीकृत मरीज
2021-22——140
2020-21——200
2019-20——295
2018-19——313

आठ संक्रमित जोड़ों की एआरटी सेंटर करा चुका है शादी

डाॅ.त्रिपाठी ने बताया कि एड्स मरीजों की जांच और उपचार के लिए वर्ष 2014 में जिला संयुक्त चिकित्सालय परिसर में एआरटी सेंटर स्थापित किया गया। स्थापना से लेकर नवंबर 2021 तक इस सेंटर ने आठ संक्रमित जोड़ों की शादी कराया है,12 और संक्रमितों ने शादी करने की इच्छा व्यक्त की है। सेंटर इन लोगों की भी शादी कराने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।

संक्रमित दंपत्ति ने पैदा किए 77 निगेटिव बच्चे

एआरटी सेंटर के प्रभारी ने बताया कि अब तक पंजीकृत संक्रमित दंपत्ति ने 77 निगेटिव बच्चे पैदा किए हैं। यह एक सुखद पहलू है। डाॅ. त्रिपाठी ने बताया कि विश्व एड्स दिवस पर पहली दिसंबर को जिला संयुक्त चिकित्सालय के सभागार में एक गोष्ठी आयोजित की जाएगी। गोष्ठी की थीम होगी’ असमानताओं एवं एड्स को समाप्त करना ‘ गोष्ठी के माध्यम से लोगों को एड्स से बचाव के बारे में जागरूक किया जाएगा।

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