श्रीनगर: सेना को बड़ी कामयाबी, इस खूंखार इनामी आंतकी को मार गिराया, सिर पर था इतने लाख का इनाम

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श्रीनगर, 21 अप्रैल। बारामुला में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गुरुवार को तड़के मुठभेड़ जारी है। इसमें अभी तक 3 जवान और एक नागरिक घायल हो गए हैं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है। दोनों ओर से फायरिंग जारी है। इस बीच लश्कर-ए-तैयबा के 12 लाख का इनामी आतंकी दुर्दांत आतंकी यूसुफ कांतरु सहित तीन अन्य आतंकी मुठभेड़ में मारे गए।

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एलईटी का मारा गया आतंकी कांतरु बीते माह बड़गाम में एक पुलिस एसपीओ और उसके भाई की हत्या में भी शामिल था।
जानकारी के अनुसार, बारामुला जिला के मालवा इलाके में गत देर रात सुरक्षाबलों और पुलिस को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली।

वहीँ बता दें कि इसके तुरंत बाद देर रात शुरु किए गए तलाशी अभियान के दौरान जगह छिपे आतंकियों ने अंधेरे का लाभ उठाकर सुरक्षाबलों पर अचानक फायरिंग करना शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने तुरंत मोर्चा संभालकर आतंकियों के छिपने वाले ठिकाने पर फायरिंग की। दोनों ओर से जारी फायरिंग के दौरान अभी तक तीन जवान और एक नागरिक घायल हुए हैं।

सुरक्षाबलों को एलईटी के चार आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली है। अभी भी मुठभेड़ स्थल पर आतंकियों की ओर से फायरिंग जारी है। वर्ष 2021 में जम्मू पुलिस ने 612 गुमशुदा लोगों को बरामद कर उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया है। कश्मीर के आइजी विजय कुमार ने बताया कि बारामुला के मालवा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है।

वहीँ उन्होंने माना कि दोनों ओर से जारी फायरिंग में तीन जवानों और नागरिक को मामूली चोटें आई हैं। उनका अस्पताल में इलाज जारी है। जल्द ही आतंकियों का खात्मा कर दिया जाएगा। अन्य विवरण प्रतीक्षारत हैं। बता दें कि आगामी बाबा अमरनाथ यात्रा को मद्देनजर रखते हुए कुछ दिन पहले ही आतंकियों ने यात्रा में खलल डालने की धमकी दी थी।

हालांकि देश-विदेश से लाखों की तादाद में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रदेश भर में सुरक्षा के बेहतर प्रबंध किए गए हैं। चूंकि कश्मीर में अब आतंकियों की संख्या नाममात्र रह गई है,इसकारण अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने और मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से बीच-बीच में आतंकी सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बनाने की नापाक मंसूबों को अंजाम देते हैं।

कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से अचानक आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है। कि सीमा पार बैठे आतंकी आकाओं का कश्मीर में सक्रिय आतंकियों पर दबाव है,लेकिन बावजूद इसके अब कश्मीर के युवा आतंकवाद के रास्ते पर चलना नहीं चाहते हैं। इससे आतंकियों की संख्या अब गिनती की ही रह गई है।

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