सुपर पावर देश में सड़कों पर कोहराम, 25 शहरों में लगा कर्फ्यू; इन 3 शब्दों ने फैलाई हिंसा

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न्यूयॉर्क॥ वर्तमान में जहां सुपर पॉवर देश अमेरिका कोविड-19 संकट से लड़ रहा है, तो वहीं रंगभेद से उभरे आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है। सुपर पॉवर देश में हिंसक भीड़ कई जगह मॉलों में तोड़फोड़ करके वहां पर रखा सामान लूट रही है। कई शहरों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। जिस सुपर पॉवर देश में वायरस एक लाख लोगों की जान ले चुका है, वहां ऐसी हिंसा का भड़क जाना अपने आप में गम्भीर बात है।

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दरअसल ये पूरा विवाद अब रंग-भेद से जुड़कर देखा जाने लगा है। जिसकी शुरुआत एक अश्वेत शख्स की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी जिसका वीडियो भी वायरल हो गया था। जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स को पुलिस धोखाधोड़ी के आरोप में पकड़ने गई थी। जॉर्ज को देखते ही पुलिस ने उसे हथकड़ी लगाकर पकड़ने की कोशिश की। जॉर्ज ने इसका विरोध किया। विरोध के जवाब में डेरेक चॉविन नाम के एक पुलिस अफसर ने जॉर्ज के साथ जबरदस्ती की और उन्हें जमीन पर पटक दिया। सड़क पर खड़ी एक कार के पिछले पहिए के पास ज़मीन पर जॉर्ज पड़े थे। और उनके ऊपर चढ़े डेरेक चॉविन ने अपने बाएं पैर से जॉर्ज का गला दबाया हुआ था और वो भी पूरे 7 मिनट तक।

इस दौरान जॉर्ज रोतो रहे। छटपटाते रहे और बोलते रहे कि उन्हें सांस नहीं आ रही है। मुझे छोड़ दो (I CANT BREATHE)। इस पूरी घटना को एक लड़की ने कैमरे में कैद कर लिया। पुलिस अफसर के निरंतर गर्दन दबाए रखने की वजह से जॉर्ज की मौत हो गई और तभी से यूएसए में विवाद शुरू हो गया।

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सुपर पॉवर देश में ये पहली घटना नहीं जब रंगभेद की वजह से ऐसा आंदोलन देखने को मिला हो। 2014 में भी ठीक इसी तरह का एक कत्ल पुलिस की हिरासत में हुआ था, तब भी मारे गए व्यक्ति के अंतिम 3 शब्द ‘I CANT BREATHE’ ही थे और अब ऐसा लग रहा है मानो सुपर पॉवर देश यूएसए में पुराना इतिहास फिर से दोहराया जा रहा है।

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