अभी-अभी- सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को दिया एक और तगड़ा झटका, सभी उम्मीदों पर फिरा पानी

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नई दिल्ली॥ NPR प्रक्रिया पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। NPR पर रोक लगाने के लिए सोमवार को जनहित दायर की गई थी। NPR प्रक्रिया पर रोक लगाने से अदालत ने मना कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने CAA और NPR को लेकर दाखिल नई याचिकाओं को लेकर केंद्र को नोटिस जारी किया है। NPR पर रोक लगाने के लिए सोमवार को जनहित दायर की गई थी।

इस जनहित याचिका में तर्क दिया गया कि आधार में डेटा की सिक्योरिटी की गारन्टी है, लेकिन नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमावली, 2003 के अंतर्गत इकट्ठा की जा रही जानकारी के दुरुपयोग से किसी भी सुरक्षा की गारंटी नहीं है।

हालांकि अदालत ने NPR प्रक्रिया पर रोक लगाने से मना कर दिया है और नागरिकता कानून के अन्य मामलों के साथ-साथ उन दलीलों को भी टैग किया है जिन पर बाद में सुनवाई होने वाली है। NPR याचिका में कहा गया है कि NPR के लिए जो सूचना एकत्र की जाएगी, उसका दुरुपयोग होने से बचाने की गारंटी नहीं है।

याचिकाकर्ता की तरफ से बताया कि सिटीजन्स रुल्स 2003 (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) की नियमावली के अंतर्गत एकत्र की गई सूचना के दुरुपयोग होने से रोकने की किसी भी तरह की सुरक्षा की गारंटी नहीं है। यह आधार कार्ड या जनगणना के अंतर्गत एकत्र की गई जानकारी से भौतिक रूप से भिन्न है।

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याचिका में ये भी चिंता जताई गई है कि इस तरह के डेटा के कारण ‘नागरिकों की असंबद्ध राज्य निगरानी’ हो सकती है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है, ‘NPR के निर्माण और अपडेशन की पूरी कवायद निजी नागरिकों की निजता का घोर आक्रमण है।’ सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों CAA के विरूद्ध 144 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की थी , जबकि अभी कुछ और याचिकाएं दायर की जा रही हैं।

अदालत ने बीते सप्ताह बुधवार को CAA के क्रियान्वयन के विरूद्ध किसी भी तरह के आदेश को पारित करने से इंकार कर दिया था। देश की शीर्ष अदालत ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का वक्त दिया है।

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