Lucknow। शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में PIL दाखिल कर कुरान की 26 आयतों हटाने की अपील की है। इन आयतों को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला बताते हुए उन्होंने कहा है कि इन आयतों को कुरान में बाद में शामिल किया गया है। वसीम रिज़वी की इस PIL के बाद मुस्लिम समाज में गम और गुस्सा है। मुस्लिम समाज के जिम्मेदार नेताओं ने वसीम रिज़वी की इस PIL पर की सख्त विरोध किया है।
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने वसीम रिज़वी के बयान की सख्त निंदा करते हुए कहा कि वसीम रिज़वी का इस्लाम एवं शिया समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है। यह चरमपंथी मुस्लिम विरोधी संगठनों का एजेंट है। सरकार से इसकी गिरफ्तारी की मांग की जानी चाहिए। (Supreme Court)र्मिक भावनायें भडकाने और हाईलाईट होने के लिये दिये जाते है। इस पर सरकार और प्रशासन को तुरंत कार्यवाही करनी चाहिये। (Supreme Court)
शुक्रवार को जारी अपने ब्यान में मौलाना कल्बे जव्वाद ने सख्त रुख अख्तियार हुए कहा कि वसीम रिज़वी ने मुस्लिम विरोधी ताक़तों को खुश करने व जेल जाने से बचने के लिए इस तरह का कृत्य किया है। वक्फ बोर्ड की सीबीआई जांच चल रही है, इसलिये वह ऐसे बयान दे रहा है ताकि उसकी बेईमानी और भ्रष्टाचार पर पर्दा पडा रहे।(Supreme Court)
मौलाना ने कहा कि हम इस संबंध में ईरान और इराक़ के मराजाए किराम एवं मुजतहिद हज़रात को एक पत्र लिखेंगे ताकि उनसे वसीम रिज़वी के इस बयान के संबंध में एक आदेश लिया जा सके और इसे इस्लाम और शियत से ख़ारिज घोषित किया जा सके। (Supreme Court)
इसी तरह शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने वसीम रिज़वी की सख्त निंदा करते हुए कहा क़ि 26 आयतें हटाना तो दूर की बात है, क़ुरान से एक शब्द या एक बिंदु भी नहीं निकाला जा सकता। वसीम रिज़वी जैसे लोगों के द्वारा सिर्फ इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है। (Supreme Court)
उन्होंने कहा की क़ुरान अमन का पैग़ाम देता है। क़ुरान अल्लाह की किताब है, न कि किसी के घर की लिखी किताब। बताते चलें कि मुसलमानों की आस्था है कि क़ुरान आसमान से उतरी किताब है। इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता। (Supreme Court)
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