Supreme Court: इस याचिका पर कोर्ट ने कहा कि हम याचिकाकर्ता की बेशर्मी पर चकित हैं

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नई दिल्ली। उच्च न्यायालय में जजों के नियुक्ति की एक स्थापित प्रक्रिया है, जहां उच्च न्यायालय कालेजियम, न्यायाधीशों की योग्यता व वरिष्ठता को ध्यान में रखकर विचार करता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के न्यायाधीश ने न्यायधीशों की नियुक्ति रोकरने की कोशिश के बाद वकील पर यह टिप्पणी की।Supreme Court

न्यायिक बेंच (Supreme Court) एस कौल और जस्टिस एम.एम. Sunshare ने एक वकील की पेश याचिका को खारिज करते हुए कहा। वकील ने अपने याचिका में उच्च न्यायालय से रजिस्ट्रार जनरल ए वेंकटेश्वर रेड्डी की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। वकील ने उन्हें तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के फैसले पर सवाल उठाए थे।

वास्तव में, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के तीन सदस्यीय कालेजियम ने रेड्डी सहित छह न्याय अधिकारियों को तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में मंजूरी दी थी। अधिवक्ता बी शैलेश सक्सेना ने याचिका दाखिल की थी। तेलंगाना, तेलंगाना उच्च न्यायालय और केंद्र को निर्देश देने की मांग की गयी थी।

आवेदक ने उच्च न्यायालय से रजिस्ट्रार जनरल ए वेंकटेश्वर रेड्डी के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। न्यायमूर्ति बेंच (Supreme Court) एस कौल और जस्टिस एम.एम. Sunshare ने कहा कि हम याचिकाकर्ता के ShamelessnessIf पर चकित हैं। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के आधार दायर किया गया है।

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